रतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में शुरू से ही विवादों में घिरे रहनेवाले रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र का इस्तीफा राजभवन ने स्वीकार कर लिया. इसके साथ ही बुधवार को डॉ चंद्र को रजिस्ट्रार पद से मुक्त कर दिया गया. डॉ चंद्र ने गत 15 अक्तूबर को अपना इस्तीफा पत्र राजभवन को सौंपा था. दूसरी ओर मारवाड़ी कॉलेज के कॉमर्स विभाग के हेड डॉ रामाशीष पूर्वे को राजभवन ने रजिस्ट्रार नियुक्त किया है. डॉ पूर्वे फिलहाल विवि क्षेत्र से बाहर हैं और संभावना है कि शुक्रवार को अपना नया पदभार संभालेंगे. डॉ पूर्वे ने बताया कि उनकी पहले से ही इच्छा थी कि टीएमबीयू में ही रजिस्ट्रार का पद मिले और यह पूरी हो गयी. बुधवार को उनके रजिस्ट्रार बनने की सूचना फैलते ही डॉ पूर्वे को कई लोगों ने फोन कर शुभकामनाएं दी. पूर्व रजिस्ट्रार का इस्तीफा स्वीकार करने के साथ इस पद से मुक्त करने और नये रजिस्ट्रार को नियुक्त करने संबंधी पत्र राजभवन के प्रधान सचिव रॉबर्ट एल चोंग्थू ने बुधवार को जारी कर टीएमबीयू के कुलपति को भेजा. ——————— वेतन रोकने, फाइल लंबित रखने के विवाद में फंसे हुए थे पूर्व रजिस्ट्रार दी – तत्कालीन रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र वेतन रोकने, फाइल लंबित रखने सहित अन्य कुछ मामलों में विवाद में फंसे रहे. कर्मचारियों व उनके बीच हमेशा विवाद हमेशा सुर्खियों में रहा. कभी कुलपति से विवाद में छाये रहे. तत्कालीन रजिस्ट्रार ने जनवरी 2024 में योगदान दिया था. उनके कायर्काल को 10 माह ही पूरा हो पाया था. पेंशनधारियों शिक्षकों व कर्मचारियों के लंबित फाइल को लेकर भी सुर्खियों में रहे. सफाई कर्मी को अपने मानदेय के लिए रजिस्ट्रार कार्यालय के बाहर थाली लेकर बैठना पड़ा. सबसे ज्यादा गेस्ट शिक्षकों की नियुक्ति मामले में फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करने का मामला भी काफी सुखिर्यों में रहा. एक दिन पहले भी वेतन के बाउचर पर हस्ताक्षर नहीं करने पर उग्र कर्मचारियों ने डॉ विकास चंद्र की पिटाई कर दी.
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