भागलपुर में वन विभाग और स्मार्ट सिटी के बीच बुधवार को तकरार जारी रहा और बरारी पुल घाट पर 162 करोड़ से चल रहे रिवर फ्रंट का काम शुरू नहीं हो सका. स्मार्ट सिटी कंपनी के प्रतिनिधि वन विभाग के पदाधिकारी से मिलने पहुंचे थे. बावजूद उनका जब्त दो ट्रैक्टर अब तक वन विभाग ने नहीं छोड़ा और बिना एनओसी के नहीं छोड़ने पर अड़े रहे.
स्मार्ट सिटी की ओर से दावा किया गया है कि एनओसी के लिए पांच माह पहले ही आवेदन किया गया था. इसके बाद ई-परिवेश पोर्टल पर आवेदन किया गया था. हालांकि स्मार्ट सिटी के एमडी नगर आयुक्त प्रफुल्लचंद्र यादव का कहना है कि समस्या के समाधान को लेकर स्मार्ट सिटी की टीम मिली है. शीघ्र समस्या का समाधान हो जायेगा.
स्मार्ट सिटी की टीम में सीजीएम व अन्य पदाधिकारी डीएफओ कार्यालय गये थे. डीएफओ से बात हुई, लेकिन हल नहीं निकल सका. डीएफओ भरत चिंतापल्ली ने कहा कि वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत गांगेय डॉल्फिन सेंचुरी में वन विभाग के आदेश के बिना काम हो रहा था. कार्रवाई जरूरी थी. अब तक बड़े पैमाने पर काम हो गया है. अब काम को अवरुद्ध करना सवाल खड़ा कर रहा है. शुरुआत में ही क्यों नहीं एक्शन लिया गया.
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उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के पास नगर विकास विभाग का प्रभार है. काम राेकने के बाद बातचीत के जरिये मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया और बात नहीं बनी, तो इसे डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद को अवगत कराया गया. हालांकि अब तक डिप्टी सीएम ने इस पर कोई निर्देश नहीं दिया है.