मुस्लिम एजुकेशन कमेटी (एमईसी) से संचालित उर्दू गर्ल्स इंटर स्तरीय स्कूल के प्रबंधन समिति के सचिव इबरार हुसैन उर्फ बेला ने पूर्व महासचिव द्वारा लगाये आरोप पर चुप्पी तोड़ते हुए पलटवार किया है. सचिव ने लगाये सभी आरोपों को निराधार स गलत बताया है. उन्होंने पूर्व महासचिव प्रो फारूक अली पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एमईसी के कुछ शैक्षणिक संस्थानाें में प्रबंधन समिति से जुड़े सदस्य के लोग उस स्ंस्थान में नौकरी कर रहे है. सभी प्रबंधन समिति के सदस्य के रिश्तेदार है. वे लोग भी नियम के तहत गलत कार्य कर रहे है. पूर्व महासचिव उनलोगों को वहां से हटायेंगे. केवल उर्दू गर्ल्स हाई स्कूल ही पूर्व महासचिव को नजर आ रहा है. सारा नियम- कानून इसी संस्थान के लिए बना है. जबकि और संस्था भी है. उस नियम का पालन वहां भी होना चाहिए. सचिव ने आरोप लगाया है कि पूर्व महासचिव जाति दुश्मनी निकाल रहे है. जबकि पूर्व महासचिव ने ही उन्हें सचिव बनाकर स्कूल भेजा. उनकी बहन को भी पूर्व महासचिव के अनुमति पर ही प्राचार्य बनाया गया है. सचिव ने कहा कि सरकार के पत्र का बार-बार जिक्र करते है. लेकिन जब प्रो फारूक अली महासचिव थे. उनके कार्यकाल में ही उनकी पत्नी भी स्कूल की प्राचार्य बनी थी. उस समय नियम कहां था. आज पुरानी दुश्मनी को निकालने के लिए तरह-तरह के आरोप उनके ऊपर लगाये जा रहे है. दूसरी तरफ खुद को एमईसी के महासचिव कहने वाले प्रो फारूक अली ने कहा कि सरकार के पत्र में स्पष्ट निर्देश है कि प्रबंधन समिति के सचिव के नजदीकी रिश्तेदार संबंधित संस्था में प्राचार्य पद पर नहीं रह सकते है. क्योंकि सचिव व प्राचार्य द्वारा ही वित्तीय मामले निष्पादित किया जाता है. उन्होंने कहा कि बाकी संस्थानों में प्रबंधन समिति में सदस्य जरूर है. लेकिन उनके रिश्तेदार कर्मचारी व शिक्षक के रूप में कार्यरत है. वरीय पद पर नहीं है. बेवजह मामले को तूल देने का काम कर रहे हैं. पहले भी कहे चुका हूं. चुनाव जीत कर आये, चार्ज दे दूंगा.
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