देश के प्रथम राष्ट्रपति डाॅ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती मंगलवार काे डीबीए परिसर में अधिवक्ता दिवस मनाया गया. इस मौके पर भागलपुर व्यवहार न्यायालय में 50 सालों से प्रैक्टिस कर रहे अधिवक्ताओं को सम्मानित किया गया. ऐसे कुल 61 अधिवक्ताओं का चयन किया गया था. कार्यक्रम का संचालन करते हुए डीबीए के अध्यक्ष वीरेश प्रसाद मिश्रा और महासचिव अंजनी कुमार दुबे ने अवसर पर कहा कि, डीबीए के द्वारा जूनियर अधिवक्ताओं के हित में लगातार कार्य किये जा रहे हैं. उन्हें ज्यादा से ज्यादा सुविधा कैसे मिले इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है. साथ ही उन्होंने डीबीए परिसर में जल्द से जल्द डिजिटल लाइब्रेरी खोलने का भी भरोसा दिलाया. कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश नारायण सेवक पांडेय ने समाज हित में अधिवक्ताओं और न्यायाधीशों की भूमिका पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि अधिवक्ता एक्टर की तरह होते हैं तो जोकि अपने पक्षकार को बखूबी रिप्रेजेंट करते हैं और पक्षकार के होकर उन्हें न्याय दिलाने का काम करते हैं. अधिवक्ताओं का काेई अपना केस नहीं हाेता है. वह समाज के सताए हुए लाेगाें के लिए लड़ते हैं. जज और अधिवक्ता न्याय प्रक्रिया में शामिल हाेकर समाज के लाेगाें काे न्याय दिलाते हैं. उन्हाेंने जूनियर अधिवक्ताओं को सुझाव देते हुए सीनियर अधिवक्ताओं के सानिध्य में रहकर न्यायिक प्रक्रियाओं के बारे में सीखने की बात कही. डीबीए अध्यक्ष वीरेश प्रसाद मिश्रा और महासचिव अंजनी कुमार दुबे ने बताया कि इस माैके पर उन अधिवक्ताओं काे सम्मानित किया गया जिन्हाेंने 50 साल या इससे अधिक प्रैक्टिस की है. जिसमें अभय कांत झा, अति नंदन सिंह, बिष्णुदेव रॉय, बासुदेव प्रसाद साह, ब्रज बिहारी मोदी, दुलार चंद्र साह, दिलदार अली हाशमी, गंगानंद सिंह, फिरोज बाकुट, बिनय कुमार सिंघानिया सहित कुल 61 अधिवक्ता शामिल थे. अधिवक्ताओं ने बारी बारी भागलपुर कोर्ट में अपने 50 सालों के खट्टे-मीठे अनुभव को भी साझा किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है