भागलपुर. माैसम की मार से आम के मंजर देर से आने के कारण बाजार में आम अब भी खास बना हुआ है. क्षेत्र में समय से पहले गर्मी से मंजर सूखकर काले पड़ गये या फिर बारिश से झड़ गये. इधर, अधिक मुनाफा के चक्कर में कई कारोबारियों ने समय से पूर्व लीची मार्केट में उतार दिया है. शहर में कई जगहों पर लीची की बिक्री हो रही है.
समय से पहले टूटने पर लीची बेस्वाद
पकरा के लीची बागवान सौरभ सिंह ने बताया कि अभी लीची पूरी तरह से मैच्योर नहीं हुआ है. समय से पहले लीची टूटने पर बेस्वाद है. अभी लीची में मिठास नहीं आया है. लोग नये फल का स्वाद लेने के लिए अधिक से अधिक पैसा चुकाते हैं. चाहे खट्टा ही क्यों नहीं लगे. लीची कारोबारी प्रकाश ने बताया कि अभी लीची 180 से 200 रुपये सैकड़ा बिक रहे है.
क्या कहते हैं आम कारोबारी
आम कारोबारी मनोज कुमार ने बताया कि भागलपुर के बाजार में अधिकतर आम चेन्नई से आ रहा है. अभी दो तरह के आम बाजार में आये हैं. मद्रासी गुलाब खास आम 140 रुपये किलो, मद्रासी बंबई 130 रुपये, तो बंगाली बंबई 70 रुपये किलो, बंगाली मालदह 120 रुपये किलो बिक रहे हैं, जबकि जर्दालू की तरह लंबा आम 160 से 200 रुपये किलो बिक रहे हैं. दुकानदार इसे लोकल बताकर बेच रहे हैं. इसके विपरीत आम बागवान कृष्णानंद सिंह ने बताया कि अभी आम मैच्योर नहीं हुआ है. लोकल आया भी होगा, तो स्वाद जर्दालू जैसा नहीं होगा.
वहीं दूसरे आम कारोबारी मनोज कुमार ने बताया कि अभी कोई लोकल आम बाजार में नहीं आया है. बताया जा रहा है कि हर दिन बंगाल से एक पिकअप में तीन टन आम आ रहे हैं. एक क्विंटल 3000 से 3500 रुपये में आ रहे हैं. फल कारोबारियों का कहना है कि अभी अधिकतर आम कार्बेट व अन्य कैमिकल से पकाया जाता है, इसलिए आम खाने में सावधानी बरतना चाहिए. आम को पानी में डालकर घंटे-दो घंटे के लिए छोड़ देना चाहिए, ताकि कार्बाइट का प्रभाव खत्म हो सके.
क्या कहते हैं चिकित्सक
वरीय चिकित्सक डॉ डीपी सिंह ने बताया बेमौसम आम से कैल्सियम कार्बोनेट, कार्बन डाय ऑक्साइड बनता है. इससे अपच, एसिडिटी की शिकायत होगी, पेट फूलना, चेहरे पर फोड़ा फुंसी आदि बीमारी हो सकती है. इस तरह का आम खाने से बचना चाहिए, या पानी में डालकर कुछ देर छोड़ देना चाहिए. इसके बाद खाना चाहिए.