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आइडी के अभाव में अटका पशुधन गणना कार्यक्रम

पशुधन गणना कार्यक्रम पर तीसरे दिन ब्रेक लग गया. आइडी नहीं मिलने की वजह से गणना कार्य को रोकना पड़ा है. अब केंद्र सरकार की ओर से आइडी मिलने के बाद ही एप पर पशुओं की गिनती का डाटा तैयार किया जायेगा.

पशुधन गणना कार्यक्रम पर तीसरे दिन ब्रेक लग गया. आइडी नहीं मिलने की वजह से गणना कार्य को रोकना पड़ा है. अब केंद्र सरकार की ओर से आइडी मिलने के बाद ही एप पर पशुओं की गिनती का डाटा तैयार किया जायेगा. तीन दिन पहले शुक्रवार को तिलकामांझी स्थित जिला पशुपालन विभाग के कार्यालय से एमएलसी डॉ एनके यादव ने गणना कार्य का सांकेतिक शुभारंभ किया था.

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ अंजलि सिन्हा ने बताया कि पशुओं की गिनती के लिए 1157 प्रगणक लगा दिये गये हैं. एक नोडल पदाधिकारी सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार को नियुक्त किया गया, लेकिन अब तक आइडी नहीं आ पाया है.पशु गणना में 219 प्रकार के पशुओं को शामिल किया गया है.

जिला पशुपालन विभाग की ओर से भागलपुर समेत पूरे जिले में पशुओं की गिनती का काम 25 अक्तूबर को ही शुरू कर देना था. प्रगणक के अलावा 46 सुपरवाइजर लगाए गये हैं. मालूम हो कि पशुगणना का काम देशस्तर पर चल रहा है.

इन पशुओं की होनी है गिनती

मुख्य रूप से गाय, भैंस, बकरियां, सुअर, कुत्ते, मुर्गा, बतख व अन्य तरह के जीव जंतु हैं, जिनकी गिनती करने की योजना है. नोडल पदाधिकारी डॉ संतोष कुमार ने बताया कि हरेक पांच साल में पशुगणना कार्यक्रम होता है. पांच साल पहले हुई गिनती में 8.97 लाख गाय व भैंस मिले थे. वहीं 4.80 लाख बकरी व भेड़ की गिनती हुई थी. अपील की कि गणना के दौरान लोग अपने घर में आये प्रगणकों को सहयोग करें. इससे पशुओं से संबंधित योजनाओं को बनाने में आसानी होगी. इसका सीधा लाभ पशुपालकों को मिलेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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