तिलकामांझी जवारीपुर बच्चा काली मंदिर परिसर में इस बार केदारनाथ मंदिर स्वरूप का पंडाल सजाया जा रहा है, जो कि शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. यहां पहली बार 1951 में मां काली की पूजा हुई. इसके बाद लगातार पूजा हो रही है. सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कुमार ने बताया कि इस बार 31 अक्तूबर को रात्रि 9:30 बजे मां की प्रतिमा वेदी पर स्थापित की जायेगी. बड़ी खंजरपुर के मूर्तिकार राजकुमार पंडित यहां 1967 ये मां काली की प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं. इससे पहले उनके पिता प्रतिमा का निर्माण करते थे. यहां की खास बात है कि बिना मुकुट की प्रतिमा स्थापित की जाती है.
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