अंगिका साहित्यकारों का फूटा आक्रोश, विधायक से सदन में उठाने की मांग
प्रतिनिधि, सुलतानगंज
एनसीईआरटी द्वारा अंगजनपद की भाषा अंगिका के बदले मैथिली क्षेत्र बताने को लेकर साहित्यकारों सहित अंगिका भाषियों में काफी आक्रोश है. अखिल भारतीय अंग का साहित्य कला मंच राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ मधुसूदन झा ने कहा कि अंगिका भाषा को कोई अपमानित नहीं कर सकता. इसके लिए कला मंच ही नहीं अंगिका भाषा भाषी के पास हर सवाल का जबाव है. हमें एकजुट होकर उसके साजिश को निरस्त करना है. गीतकार राजकुमार ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से मिलकर उनके संज्ञान में इस षड़यंत्र की जानकारी देने के लिए पहल करने की बात कही. डॉ सत्यम ने कहा कि हमें अंग अंगिका के ऐतिहासिक और पौराणिक तथ्यों के साथ सरकार के अधीनस्थ अधिकारियों से संपर्क करने की जरूरत है. सुरेश सूर्य ने पटना और दिल्ली तक आवाज बुलंद करने पर बल दिया. मामले में कवि शशि आनंद अलवेला ने कहा कि सभी क्षेत्र के विधायक से संपर्क पर सदन में इसे उठाने का अनुरोध किया जायेगा. सुधीर कुमार प्रोग्रामर, ललिता कुमारी, रोशन कुमार, प्राणमोहन प्रीतम, साथी इन्द्रदेव, रौशन वर्णवाल, प्रीतम विश्वकर्मा कवियाठ, सुधांशु कुमार शर्मा, किरण कुमारी शर्मा, सुबोध तांती, कन्हैया कुमार आदि ने भी अपनी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है