दीपक राव, Bhagalpur News. महर्षि मेंहीं परमहंस की ओर से चलाये गये पंथ संतमत सत्संग का दिन व दिन महत्व बढ़ता ही जा रहा है, इसी का प्रभाव है कि कुप्पाघाट आश्रम के संत हाल ही में हांगकांग प्रवचन करने गये. इससे पहले भी विदेशों में स्वामी सत्यानंद महाराज विदेशों में संतमत का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. नेपाल के सैकड़ों की संख्या में अनुयायी आश्रम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुप्पाघाट आश्रम व संतमत का प्रभाव ही है कि अब यहां नेपाली अनुयायियों के लिए नेपाली भवन बनाया जायेगा.
महर्षि दलबहादुर बाबा की स्मृति में नेपाल भवन निर्माण की तैयारी शुरू
महर्षि दलबहादुर बाबा की स्मृति में बुधवार को महर्षि मेंहीं आश्रम, कुप्पाघाट में अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा एवं नेपाल संतमत केंद्रीय समिति के पदाधिकारियों की उपस्थिति में नेपाल भवन निर्माण को लेकर शिलान्यास किया गया, इसके साथ ही नेपाल भवन निर्माण की तैयारी शुरू हो गयी. इसमें केवल नेपाल से आये अनुयायी ही ठहरेंगे. नेपाल संतमत केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष सदानन्द सिंह यादव, महासचिव वीरेंद्र कुमार शाह, सचिव कुन्दन पोखरैल के साथ अखिल भारतीय संतमत सत्संग महासभा के महामंत्री दिव्यप्रकाश, मंत्री मनु भास्कर, व्यवस्थापक अजय जायसवाल, पूज्य प्रमोद जी महाराज, स्वामी रमेश बाबा, स्वामी कृष्ण वल्लभ बाबा के हाथों शिलान्यास कराया गया.
73 लाख की लागत से 12 हजार स्क्वायर फीट में बनेगा चार मंजिला भवन
अखिल भारतीय सतंमत सत्संग महासभा के महामंत्री दिव्य प्रकाश ने बताया कि 73 लाख की लागत से 12 हजार स्क्वायर फीट में चार मंजिला भवन बनाया जायेगा. अंडरग्राउंड में पार्किंग, हॉल व शौचालय बनाया जायेगा. प्रथम व द्वितीय तल पर फ्लैट बनेगा. सबसे ऊपर तल पर 17 कमरे बनाये जायेंगे. छह माह के अंदर इस भवन का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा.
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गुरु महाराज महर्षि मेंहीं की जयंती के अवसर पर होगा लोकार्पण
महर्षि मेही की जयंती 28 अप्रैल को अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार है. महासभा की ओर से गुरु महाराज महर्षि मेंहीं की जयंती के अवसर पर ही नेपाल भवन का लोकार्पण नेपाल के राष्ट्रपति से कराने का निर्णय लिया गया है. महामंत्री दिव्य प्रकाश ने बताया कि नेपाल में 25 हजार से अधिक दीक्षित अनुयायी हैं, जबकि यहां के वार्षिक अधिवेशन में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं का जुटान होता है. नेपाल में महर्षि मेंहीं के नेपाली शिष्य महर्षि दलबहादुर बाबा ने संतमत का प्रचार-प्रसार शुरू किया था. उनके नेतृत्व में ही 25 हजार से अधिक अनुयायी बने. उनकी स्मृति में ही यह भवन बनाया जा रहा है.