कहलगांव प्रखंड के रामपुर में चल रहे वार्षिक संतमत सत्संग का रविवार को समापन हुआ. आचार्य स्वामी भागवतानंद जी ने कहा कि भवसागर को सतगुरु के बताए रास्ते से ही पार कर सकते हैं. गुरु के चरण कमल अंधकार को नाश करने वाली सूर्य की किरणों का समूह है. इसीलिए हमें अपने-आप को बिना विलंब गुरु और ईश्वर के शरण में समर्पित कर देना चाहिए. अन्य प्रवक्ताओं में स्वामी सच्चिदानंद बाबा, बालेश्वर बाबा, पूषणदेव बाबा, डा शिवनाथ बाबा आदि ने अपने-अपने प्रवचन दिये. स्तुति, विनती, ग्रंथपाठ, भजनादि जीतेंद्र बाबा ने किया. स्वामी सच्चिदानंद बाबा ने कहा कि जिनके जीवन में गुरु नहीं, उनका जीवन शुरु नहीं. पूषणदेव बाबा ने कहा भगवान राम और कृष्ण आदि ने भी गुरु की आज्ञा का पालन किए थे. मंच का संचालन जीतेंद्र बाबा ने किया. कार्यक्रम में सफल बनाने में जितेंद्र शर्मा, देवामनी शर्मा, अमरजीत, रंजीत, महेंद्र शर्मा, अंबिका देवी, मंजुला देवी आदि लोग शामिल थे.
भगवान कण-कण में विराजमान हैं : आचार्य शुभम रामानुज
कहलगांव खुटहरी काली मंदिर परिसर में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शनिवार को चौथा दिन संपन्न हुआ. आचार्य शुभम रामानुज महाराज ने कहा कि भगवान कण-कण में विराजमान हैं. परमात्मा हर जगह से प्रकट होकर हम सभी पर कृपा करते हैं. जिस दिन हमारा विश्वास, प्रेम और स्नेह ठाकुर जी की चरणारविंद में हो जायेगा उसी दिन से हम सभी जीवों पर ठाकुर जी की कृपा का अनुभव स्वत: होने लगेगा. परमात्मा हम सब पर कृपा करने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं, बस हमें अंतर्मन से पुकारने की आवश्यकता है. गजेंद्र मोक्ष की कथा सुनाते हुए महाराज ने उपदेश दिया की एक हाथी के बुलाने पर भी परमात्मा आ सकते हैं, तो क्या हम सहजता व सरलता से भगवान को बुलाए तो क्या वो नहीं आएंगे. अर्थात भगवान अवश्य आएंगे और हमारी रक्षा भी करेंगे. इस बीच संगीतमय कथा के दौरान भक्तजन भाव विभोर हो गये. पंडाल में कथा सुनने के लिये काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है