Rath Yatra: पिछले आठ दिन से बीमार चल रहे भगवान जगन्नाथ के स्वास्थ्य में थोड़ा सुधार हुआ था, लेकिन सोमवार, मंगलवार व बुधवार को हुई बारिश के कारण उनकी तबीयत फिर बिगड़ गयी. ज्वर से पीड़ित भगवान जगन्नाथ का उपचार चल रहा है. इस दौरान उन्हें सौंठ-गुड़, काली मरिच का काढ़ा दिया जा रहा है. अत्यधिक स्नान के बाद बीमार होकर विश्राम गृह में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं.
भगवान जगन्नाथ का दर्शन पूरी तरह से निषेध
भागलपुर के नया बाजार जगन्नाथ मंदिर, बाटा गली जगन्नाथ मंदिर, गिरधारी साह हाट जगन्नाथ मंदिर व चंपानगर बड़ी ठाकुरबाड़ी में भगवान जगन्नाथ इन दिनों ज्वर लीला कर रहे हैं. मंदिर के पुजारी उन्हें उपचार के रूप में दलिया खिचड़ी, कढ़ी और विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों से बने काढ़े का भोग लगा रहे हैं. इस दौरान दर्शन पूरी तरह से बंद है. पांच जुलाई तक औषधियुक्त काढ़ा व फल का भोग ग्रहण करना होगा. छह को भगवान पूरी तरह स्वस्थ हो जायेंगे और सात जुलाई को रथयात्रा निकाली जायेगी.
प्रसाद स्वरूप भक्तों में बांटा गया काढ़ा
नया बाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ मिश्रा ने बताया कि भगवान दिया गया काढ़ा भक्तों को प्रसाद स्वरूप बांटा गया. ज्वर लीला से बाहर आने के लिए भगवान जगन्नाथ जी का दो बार में दो विभिन्न प्रकार के काढ़े का भोग लगाया गया. चंपानगर के श्रद्धालु हेमंत कश्यप ने बताया कि सुबह के समय गिलोय, तुलसी अदरक ,काली मिर्च, हल्दी, गुड़ मिलाकर गर्म काढ़ा बनाया गया. दोपहर में नीम ,तुलसी, मेथी, मकोय के काढ़े का भोग लगाया गया. मान्यता है कि भगवान को भोग लगा काढ़ा पीने से श्रद्धालुओं को रोगों से मुक्ति मिलती है. जुलाई को संध्या बेला में रथ यात्रा विभिन्न रूपों से होकर होकर निकलेगी.
Also Read: पटना में निकाली जाएगी भव्य रथ यात्रा, 40 फीट ऊंचा रथ बनकर तैयार, देश-विदेश से लोग होंगे शामिल
सजने लगा भगवान का रथ
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन स्नान व अभिषेक के बाद भगवान की तबीयत खराब होने के कारण वे 14 दिन के लिए एकांतवास में चले गये हैं. इस बीच भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की तैयारियां भी जारी है. गिरधारी साह हाट मंदिर से जुड़े श्रद्धालु मिथिलेश साह ने बताया कि भगवान जगन्नाथ लिए विशेष रथ को तैयार कराया जा रहा है. लकड़ी के रथ को सजाया जा रहा है. रंग-रोगन से लेकर पहिया को दुरुस्त किया जा रहा है.