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फेस्टिवल एडवांस को लेकर रजिस्ट्रार व कर्मचारी आमने-सामने

टीएमबीयू में फेस्टिवल एडवांस का विवाद गहरा गया है. रजिस्ट्रार व कर्मचारी आमने-सामने हो गये है. रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र ने पांच कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाया है.

टीएमबीयू में फेस्टिवल एडवांस का विवाद गहरा गया है. रजिस्ट्रार व कर्मचारी आमने-सामने हो गये है. रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र ने पांच कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने उन कर्मचारियों को निलंबित कर मुख्यालय से दूर-दराज के कॉलेज बनाने के लिए कुलपति को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि उन कर्मचारियों द्वारा सरकारी कार्य को बाधित किया जाता है. सरकारी कार्य करना अब दुर्लभ हो गया है. उधर, विवि कर्मचारी संघ ने लगाये गये आरोप को एक सिरे से खारिज कर दिया है. संघ ने कहा कि रजिस्ट्रार अविलंब पत्र वापस ले. ऐसा नहीं करने पर विवि में चरणबद्ध आंदोलन किया जायेगा. साथ ही संघ ने कहा कि रजिस्ट्रार के क्रियाकलाप को लेकर जल्द ही विवि के कर्मचारी कुलाधिपति से मिलेंगे. उनके नौ माह के कार्यकाल की कार्यों के बारे में लिखित रूप से जानकारी दी जायेगी. संघ के प्रवक्ता असीम कुमार ने रजिस्ट्रार पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके नो माह के कार्यकाल में विवि प्रशासन ने उन्हें दो दर्जन से अधिकार बार शोकॉज किया है. साथ ही फाइल के निष्पादन नहीं करने पर हमेशा विवि में चर्चा के विषय बने रहे. रजिस्ट्रार अपने पद का ख्याल नहीं रखते हुए कुलपति से भी विवाद कर चर्चा में छाये रहे. विधान परिषद में सवाल पूछा जाता है. उसका जबाव विवि से जाता है, तो संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करते है. ——————- क्या है मामला – कर्मचारियों ने गाली-गलौज कर धक्का-मुक्की किया रजिस्ट्रार डॉ विकास चंद्र ने कुलपति को दिये आवेदन में कहा कि विवि के कर्मचारी सरकारी कार्य में बाधा डालते है. गाली-गलौज कर धक्क-मुक्की करते है. एक अक्तूबर को विवि के गेस्ट हाउस में विवि के बड़ी संख्या में कर्मचारी मिलने आये थे. अपनी मांगों को मनवाने के लिए दबाव बना रहे थे. उस वक्त कोर्ट से संबंधित जरूरी काम कर रहा था. लेकिन कर्मचारियों ने दबाव बनाकर काम कराना चाहते थे. इसी क्रम में कर्मचारियो ने धक्का-मुक्की किया. 27 सितंबर को भी एफए कार्यालय में घुस कर उनके खिलाफ हंगामा किया. पत्र में कहा कि इस तरह की घटना बार-बार हो रही है. आठ अक्तूबर को भी रजिस्ट्रार कार्यालय बंद कर दिया. रजिस्ट्रार ने आवेदन में कहा कि विवि के प्रेस के राजेश, विरेंद्र सिंह, संजय, पुष्पराज व रंजीत पर दबाव बनाने व धमकाने का आरोप लगाया है. साथ ही उन कर्मचारियों को निलंबित कर दूर-दराज के काॅलेज में मुख्यालय बनाया जाये. ताकि विवि में कार्य सुचारू रूप से हो सके. ————————- रजिस्ट्रार का कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं – संघ संघ के प्रवक्ता असीम कुमार ने कहा कि रजिस्ट्रार का कर्मचारियों के साथ अच्छा व्यवहार करते है. रजिस्ट्रार जब से योगदान दिया है. किसी न किसी बात को लेकर कर्मचारियों को प्रताड़ित करने का काम कर रहे है. कुछ दिन पहले रजिस्ट्रार ने महिला कर्मी व दलित कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार किया था. इसे लेकर कर्मचारियों ने रजिस्ट्रार के खिलाफ महिला थाना में लिखित शिकायत किया था. रजिस्ट्रार अपने पद की गरिमा को नहीं समझ पा रहे हैं. रजिस्ट्रार हंगामा को लेकर जिन-जिन तिथि का उल्लेख किया है. उस दिन रजिस्ट्रार अपने कार्यालय में नहीं थे. विवि के गेस्ट हाउस के एक कमरा में थे. ऐसे में रजिस्ट्रार बताये उनका कार्यालय कहां है. कर्मचारियों को जरूरी काम आयेगा, तो मजबूरी में मिलने गेस्ट हाउस जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि फेस्टिवल एडवांस नहीं देना था, तो फाइल में स्पष्ट रूप से लिखकर आगे बढ़ाना था. उन्होंने मामले में कुलपति से मांग किया है कि रजिस्ट्रार द्वारा लगाये गये आरोप की जांच करायी जाये. ऐसा नहीं कर कार्रवाई की जाती है, तो एक पक्षीय कार्रवाई माना जायेगा. ऐसे में कर्मचारियों द्वारा आंदोलन किया जाता है, तो सारी जिम्मेवारी विवि प्रशासन की होगी. उधर, कर्मचारी संघ के महासचिव रंजीत कुमार ने कहा कि आरोप पूरी तरह निराधार है. रजिस्ट्रार अपनी कार्यशौली को छुपाने के लिए कर्मचारियों को टारगेट कर रहे है. आज भी उनके कार्यालय में बड़ी संख्या में फाइल जमा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि वर्तमान में कई ऐसे महत्वपूर्ण फाइल रजिस्ट्रार कार्यालय में रखा है. अबतक निष्पादन नहीं किया गया है. कर्मचारी नेता ने कहा कि रजिस्ट्रार साजिश कर रजिस्ट्रार की छवि को धूमिल करने का काम कर रहे हैं. ————————— पांच कर्मचारियों ने पत्र लिखा, रजिस्ट्रार के साथ काम करने में असहज – रजिस्ट्रार कार्यालय के ही पांच कर्मचारियों ने कर्मचारी संघ को लिखित आवेदन देकर कहा कि रजिस्ट्रार के साथ काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं. रजिस्ट्रार द्वारा फाइल को लेकर प्रताड़ित किया जाता है. बात-बात पर उनलोगों को फटकार लगाया जाता है. ऐसे में उनलोगों का उस कार्यालय से दूसरे कार्यालय में तबादला कर दिया जाये. ——————————– कोट – तबीयत ठीक नहीं है. डॉक्टर ने ज्यादा बोलने से मना किया है. विवि में सारा कुछ ठीक हो जायेगा. डॉ विकास चंद्र, रजिस्ट्रार

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