Bihar News: भागलपुर शहर में बिना ट्रेड लाइसेंस के चल रही दुकानों का सर्वे पांच महीने बाद भी पूरा नहीं हो पाया है और निगम अब छापेमारी की तैयारी में जुट गया है. जुलाई में सर्वे शुरू हुआ था और अभी तक करीब 60 फीसदी ही पूरा हो पाया है. मजे की बात यह है कि इनमें से 50 फीसदी दुकानें ऐसी हैं, जिनके पास ट्रेड लाइसेंस नहीं है. निगम शहर क्षेत्र की 15 हजार दुकानों को मानकर सर्वे कर रहा है. अभी तक 9 हजार दुकानों का सर्वे हो चुका है और इनमें से 4500 दुकानों के पास ट्रेड लाइसेंस नहीं है.
17 तहसीलदारों को सौंपी है जिम्मेदारी, सुस्ती से सर्वे कार्य अधूरा
निगम ने सर्वे कार्य के लिए 17 तहसीलदारों को लगाया है. सभी 51 वार्डों की दुकानों का सर्वे होना है. तहसीलदारों की सुस्ती से सर्वे कार्य अधूरा है. वहीं, दूसरी ओर बताया गया है कि एक-एक तहसीलदारों पर तीन-तीन वार्डों की जिम्मेदारी है. इस वजह से सर्वे में देरी हो रही है.
नहीं होगी कार्रवाई, सिर्फ कहा जायेगा लाइसेंस लेने
छापेमारी के दौरान निगम बिना ट्रेड लाइसेंस वाले दुकानदारों पर कार्रवाई नहीं होगी. उन्हें लाइसेंस लेने के लिए कहा जाएगा. दुकानदारों को यह मौका सिर्फ एक बार मिलेगा. दूसरी बार छापेमारी में कार्रवाई की जायेगी.
वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में 28 लाख हुआ कलेक्शन
निगम को वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में ट्रेड लाइसेंस के कलेक्शन से 28 लाख रुपए प्राप्त हुए हैं. शाखा प्रभारी के अनुसार पिछले साल यह कलेक्शन 33 लाख रुपए था. इस बार कलेक्शन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
दो माह में 250 लोगों को जारी हुआ ट्रेड लाइसेंस
निगम ने दो महीने में 250 लोगों को ट्रेड लाइसेंस जारी किए हैं. शाखा प्रभारी के अनुसार 250 लोगों के आवेदन आए थे और सभी के आवेदनों का निष्पादन कर लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं. दो-चार आवेदन और आए हैं, कुछ दिनों में उनका भी निष्पादन कर दिया जाएगा.
निगम के खुद के तहसीलदार को अबतक नहीं मिला स्थायी काम
टैक्स वसूली निजी हाथों में जाने से निगम के तहसीलदारों के पास कोई काम नहीं बचा है. निगम उन्हें अब तक स्थाई तौर पर कोई काम नहीं दे पाया है. उन्हें सिर्फ ऊपरी तौर पर ही काम मिलता रहा है. अभी उन सभी को सर्वे का काम दिया जा रहा है. पिछले महीने जब निगम में स्थाई समिति की बैठक हुई थी, तब पार्षदों ने सदन में यह मुद्दा उठाया था. यहां तक कहा गया था कि निजी एजेंसी को कमीशन के तौर पर मोटी रकम दी जा रही है. वहीं, तहसीलदार के पास खुद कोई काम नहीं है और खर्च वेतन पर हो रहा है. वहीं, वसूली भी निगम जितनी ही है. इसमें भी निजी एजेंसी के तहसीलदार द्वारा हेराफेरी की शिकायतें समय-समय पर आती रहती हैं.
दुकानों का सर्वे कार्य चल रहा है. अबतक 60 फीसदी कार्य पूरा हुआ है. सभी तहसीलदारों से सर्वे कार्य में तेजी लाने को कहा गया है.
देवेंद्र वर्मा, शाखा प्रभारी, ट्रेड लाइसेंस शाखा, नगर निगम, भागलपुर
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