शुभंकर, सुल्तानगंज: श्रावणी मेला 2024 को लेकर बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत सुल्तानगंज सज-धजकर तैयार हो चुका है. बाबा अजगैबीनाथ की नगरी सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरकर कांवरिये बाबाधाम देवघर की ओर रवाना हो रहे हैं. अजगैवीनगरी कांवरियों से पट चुकी है और बोल बम व हर-हर महादेव के नारे हर तरफ गूंज रहे हैं. बिहार, झारखंड व यूपी के अलावे अन्य प्रदेशों के कांवरिये भी सुल्तानगंज पहुंच रहे हैं. प्रशासन की ओर से भोजन, कांवर समेत अन्य वस्तुओं की मुल्य तालिका भी जारी की गयी है. मनमाने दाम पर दुकानदार कांवरियों को सामान नहीं बेचेंगे.
कांवरियाें से मनमाना दाम नहीं ले सकेंगे दुकानदार
अगर आप श्रावणी मेला में सुल्तानगंज से बाबाधाम देवघर की यात्रा करने को इच्छुक हैं तो सुल्तानगंज पहुंचकर आप कांवर, लाठी, समेत अन्य जरूरी वस्तु भी खरीद सकते हैं. वहीं अगर आप यह जानना चाहते हैं कि भोजन व नास्ते में आपको कितने रूपए खर्च करने पड़ सकते हैं तो उसकी भी जानकारी आप यहां ले लिजिए. श्रावणी मेला के लिए भागलपुर जिला प्रशासन की ओर से तमाम चीजों के मुल्य तय कर दिए गए हैं.
भोजन के लिए खर्च करने होंगे इतने पैसे…
भोजन की थाली 65 रूपए की रखी गयी है. जिसमें चावल, 2पीस तवा रोटी या 200 ग्राम चावल अथवा 5 पीस रोटी होगी. साथ में सब्जी, पापड़, चटनी और आचार भी दिया जाएगा. बच्चों के लिए 40 रूपए की भी थाली है. रोटी 5 रुपए प्रति पीस तो पूड़ी जिलेवी सब्जी का नाश्ता 35 रुपए में कराया जाएगा. वहीं दही और चूड़ा की भी कीमत तय की गयी है. सत्तू का शर्बत भी तय कीमत पर ही बेचा जाएगा. 15 और 20 रुपए के ग्लास सत्तू के रहेंगे. वहीं पानी प्रिंट रेट पर बेचने का निर्देश है. ठंडा करने के बाद भी पानी प्रिंट रेट पर ही बेचा जाएगा.
जूस और विश्राम करने के लिए चौकी का रेट
कांवरियों को विश्राम करने के लिए प्रति चौकी 25 रुपए खर्च करने होंगे. मौसमी और नारंगी के जूस 25-25 रूपए में मिलेंगे जबकि अनार का जूस 60 रुपए का होगा. कोल्ड ड्रिंक प्रिंट रेट पर ही बेचा जाएगा. ठंडा करने का अलग से चार्ज दुकानदारों को नहीं मांगना है.
कांवर कितने रूपए में बनेगा..
कांवरिये स्थानीय बांस से बने कांवर के लिए 160 रुपए खर्च करेंगे. जिसमें बहंगी, डोरी, खूटी, घुंघरू और आगरबत्ती स्टैंड होगा. जबकि अतिरिक्त सामान के लिए अलग से पैसे लगेंगे. डलिया वाला दरभंगिया कांवर 110 रुपए में मिलेगा. लाठी 30 और 40 रुपए वाले मिलेंगे. गंगा जल भरने के लिए प्लास्टिक के डब्बे का भी रेट तय किया गया है.