श्रीमद्भागवत कथा मोक्ष प्रदान करने वाली कथा है. इस दिव्य कथा को सुनने मात्र से ही मोक्ष की प्राप्ति होती है. मोक्षदायिनी भागवत कथा को जिसने भी सुना है, सभी को मोक्ष प्राप्ति के योग बने हैं. चाहे वह मनुष्य तन हो अथवा कोई जीव जंतु. उक्त बातें राजस्थान से पधारे कथा व्यास पंडित उमेश शास्त्री ने सोमवार को भागवत कथा के महत्व पर प्रवचन करते हुए कही. मौका था खाटू श्याम मंदिर मंदरोजा में भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन का. कथा आयोजन डेबरा परिवार की ओर से हुआ. आगे उन्होंने कहा कि हमारा प्रथम कर्तव्य दान करने का होना चाहिए. दान करने से सुख की प्राप्ति होती है. वेद पुराणों में गोदान, अन्न दान सहित अन्य दान का महत्व बताया गया. इस दौरान विदुर-विदूरानी एवं भगवान श्रीकृष्ण संवाद पर प्रवचन किया गया. भजन के बाद माहौल भक्तिमय हो गया. आयोजन में श्याम सुंदर डेबरा एवं वीरेंद्र डेबरा का योगदान रहा.
मेरो मन वृंदावन में अटको, मेरो मन हरिचरण में…
मेरो मन वृंदावन में अटको, मेरो मन हरिचरण में अटको…भजन गाकर वृंदावन से पधारे कथा व्यास पंडित रविशंकर शास्त्री ने सोमवार को माहौल को भक्तिमय कर दिया. मौका था बूढ़ानाथ मंदिर समीप गंगा तट स्थित मशानी काली मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन कथा प्रवचन का. पंडित रविशंकर शास्त्री ने कहा कि भगवान हमेशा अपने भक्त पर कृपा बरसाते रहते हैं. कलियुग में तो भगवान के नाम में ही बड़ी शक्ति है.कलियुग का कुप्रभाव होने पर ही लोग अधर्मी होते हैं. कलियुग के प्रभाव से बचने के लिए ईश्वर की भक्ति जरूरी है. इस मौके पर अभय घोष सोनू, मुकेश सिंह, सुधीर भगत, ओमप्रकाश मंडल, निरंजन सिंह, विशाल कुमार, आलोक सिंह, मुकुल सिंह, मोहित सिंह, मक्खन सिंह, शेखर सिंह, अमित कुमार, विष्णु, पार्थो घोष उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है