विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला के दौरान काफी संख्या में कांवरिया और आम श्रद्धालु गंगा स्नान को आ रहे हैं. पवित्र उत्तरवाहिनी गंगा को निर्मल बनाये रखने को लेकर हर दिन कांवरिया से अपील किया जा रहा है. गंगा में 14 कर्मों को वर्जित माना गया है.ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार उत्तर वाहिनी गंगा में 14 कर्म को वर्जित माना गया है.
गंगा में नहीं करना चाहिए ये काम…
गंगा में केवल स्नान ही करना चाहिए. इसके अलावा गंगा के समीप बाल झड़ना, कूड़ा डालना, हंसी मजाक उड़ाना, दूसरे के प्रति अनुराग, दान लेना, दूसरे तीर्थ के प्रति अनुराग प्रशंसा, वस्त्र त्याग, जल पीटना, वस्त्र साफ करना अनुचित बताया गया है. श्रावणी मेला में कांवरियों को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए. गंगा के लिए समर्पित भाव रखने वाले गंगा की निर्मलता बनाये रखने के लिए कांवरिया से अपील कर रहे है.मन की शुद्धि के लिए विचारों को परे रखकर शरीर के मैल को हटाने के लिए गंगा स्नान नही करना चाहिए.
गंगा स्नान के अलावे नही करें कोई काम
पंडित संजीव झा, शालिग्राम झा, कन्हैया नंदन झा आदि कई पंडितों ने बताया कि पूरे सावन माह में लाखों कांवरिया गंगाजल भरते हैं. मां गंगा धरती पर साक्षात देवी है. गंगा स्नान के अलावे कोई काम नही करना चाहिए.गंगा जल भर कर कांवरिया बाबाधाम जाते है. लेकिन गंगा में मुंह धोना, दतवन फेंकना,कपड़ा धोना आदि नही करें. आज गंगा के प्रति जागरूकता की कमी लोगों में है. गंगा मैली व प्रदूषित हो जा रही है.
गंगा को पवित्र बनाकर रखने की अपील
पंडितों ने बताया कि गंगा में 14 कर्म को नही कर, गंगा के अविरल और निर्मल धारा को बचाने के लिए सभी को एकजुट होकर आगे आने की जरूरत है. कांवरियो से अजगैबीनगरी में विशेष ध्यान रखने की अपील किया जा रहा है. गंगा के अविरल व निर्मल धारा को बनाये रखने के लिए अपील किया जाता है. लोगों को पवित्रता को बनाये रखने के लिए गंगा को प्रदूषण मुक्त रखना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. इसे सब को निभाना चाहिए.