गंगोत्री समाज के युवाओं को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पटल पर आगे बढ़ाने की जरूरत है. समाज के लोग हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन संगठित नहीं हैं. ऐसे मेंं अपनी ताकत का एहसास नहीं हो पाता है. युवाओं को शिक्षित बनाने के साथ विभिन्न क्षेत्र उद्योग-व्यापार, राजनीति व धार्मिक क्षेत्र में संगठित होकर युवाओं को प्रेरित करना होगा. हर क्षेत्र में गंगोत्री समाज के युवा परचम लहरायेंगे. उक्त बातें सांसद अजय मंडल ने मुख्य अतिथि के रूप में कही. मौका था रविवार को अखिल भारतीय गंगोत्री महासभा की ओर से टाउन हॉल में शताब्दी समारोह सह सम्मान समारोह का.
समारोह का मुख्य उद्देश्य बाबा अनंत दास महाराज को याद करना है
वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अधिवक्ता त्रिलोकीनाथ दिवाकर ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बाबा अनंत दास जी महाराज को याद करना था. उनकी प्रेरणा से समाज को आगे बढ़ाना था. दरअसल अनंत दास महाराज गंगोता जाति के तपस्वी थे. 1924 में गंगोता मंडली के नाम से एक संस्था का निर्माण किया गया था. इसका नाम बदलकर अखिल भारतीय गंगोत्री महासभा कर दिया गया है.200 से अधिक लोगों को मिला सम्मान
समारोह में समाज के 200 से अधिक लोगों को अलग-अलग क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया. डॉ मोनिका व्यास, डॉ नीरज कुमार, डॉ आलोक कुमार, डॉ अजय शर्मा आदि को चिकित्सा क्षेत्र में गंगोता रत्न का सम्मान प्रदान किया गया, शिक्षा के क्षेत्र में प्रो व्यास मुनी, उमेश प्रसाद नीरज, प्रो पुलकित कुमार मंडल, प्रो अमलेंदू अंजन को गंगोता रत्न, जबकि अधिवक्ता त्रिलोकीनाथ दिवाकर को गंगोता गौरव का सम्मान मिला. आयोजन में अंगिका के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ रमेश आत्मविश्वास, डॉ सुधीर मंडल, गुलशन मंडल, सत्यजीत कुमार, त्रिलोकी नाथ दिवाकर, मुखिया अभिषेक अर्णब, अंजनी कुमार, संजय कुमार मंडल, अमर कुमार, कृष्ण कांत शर्मा, राघवेंद्र कुमार, बिनोद कुमार, उदय मंडल, आशीष कुमार आदि का योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है