भागलपुर के श्री चंपापुर दिगंबर जैन सिद्ध क्षेत्र में भगवान वासुपूज्य शांति विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया गया. पंच वाल यति मंदिर में भगवान वासुपूज्य की मुंगे रंग की खड्गासन प्रतिमा का श्रद्धालुओं ने 108 कलशों से महा मस्तकाभिषेक किया. स्वर्ण कलश से कोलकाता के विशाल जैन एवं मुंबई के रत्नेश जैन एवं स्वस्तिक जैन ने रजत कलश से मस्तकाभिषेक किया. विश्व शांति धारा बेंगलुरु के देवेंद्र देसाई ने किया.
जमीर बेचकर किये गए कार्य से कोई कभी अमीर नहीं होता
भगवान वासुपूज्य शांति विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ में पूज्य आचार्य शीतल सागर महाराज ने कहा कि जमीर बेचकर किये गए कार्य से कोई कभी अमीर नहीं होता है. व्यर्थ के काम में उलझा व्यक्ति, सिर्फ अपनी उलझने बढ़ाता है. दूसरों की आंख में धूल झोंकने वाले, खुद धूल में मिल जाते हैं. पद-प्रतिष्ठा की खातिर जीवन खोना अर्थात रोना ही रोना है. भगवान वासुपूज्य ने उपदेश दिया की जीवन में मनन , चिंतन और संयम होना चाहिए.
रास्ता बदले, लक्ष्य नहीं
सिद्ध क्षेत्र मंत्री सुनील जैन ने कहा कि सफलता न मिलने पर रास्ता बदले, लेकिन लक्ष्य नहीं. विभिन्न राज्यों की महिलाओं ने अनुष्ठान में हिस्सा लिया. इस मौके पर राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र ,कर्नाटक ,पश्चिम बंगाल और दिल्ली आदि के सूर्यकांत जींदबाड़ ,अरविंद जैन, कुबेर जैन, नवल साह, कमल पाटनी, राजेंद्र चुरिवला, कमलेश पाटनी,अमित बड़जात्या, सुमंत पाटनी, सज्जन बिनायका, उत्तम पाटनी, संजय गंगवाल आदि उपस्थित थे.