Bihar Exam: लाइफ रिपोर्टर@पटना, अगले महीने से बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाले हैं. 10वीं और 12वीं की परीक्षा हर बच्चे के सुनहरे भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है. पर, परीक्षा एक ऐसा शब्द है, जिसे सुनते ही अधिकतर बच्चे घबरा जाते हैं, तनाव और चिंता से घिर जाते हैं. ऐसी स्थिति तब ही आती है, जब सही तरीके से पढ़ाई नहीं हुई हो. परीक्षा को लेकर बच्चे तनाव में न आएं और इस दौरान पैरेंट्स की क्या भूमिका हो, इसपर प्रभात खबर ने सोमवार को शिक्षा से जुड़े कई एक्सपर्ट से राय लिया. एक्सपर्ट ने बताया कि परीक्षा की तारीख पास आते ही स्टूडेंट्स अक्सर तनाव का शिकार होने लगते हैं. जैसे-जैसे परीक्षा नजदीक आती है, वह अच्छे रिजल्ट और कोर्स कंप्लीट करने की वजह से चिंता से घिरने लगते हैं. परिवार और शिक्षकों की उम्मीदें भी कई बार बच्चों में तनाव का कारण बन जाती है. ऐसे में अगर आप परीक्षा के तनाव से जूझ रहे हैं, तो परीक्षा की तैयारी करने से पहले एक टाइम टेबल जरूर बनाएं. टाइम टेबल को फॉलो करने से आप आराम से अपनी रिवाइज कर पायेंगे और अच्छे से एग्जाम भी दे पायेंगे.
एक्सपर्ट ने दिये कई सुझाव
गणित के सवालों का स्टेप वाइज जवाब दें
जमुनी लाल कॉलेज, हाजीपुर (वैशाली) के गणित विभाग के सहायक प्राध्यापक शिक्षक डॉ अरुण दयाल कहते हैं- हर बोर्ड सैंपल पेपर जारी करता है. सैंपल पेपर को जरूर देखें. सैंपल पेपर को हल करेंगे, तो प्रश्नों को हल करने की गति भी विकसित होगी. परीक्षा के दौरान टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें. कठिन विषयों व टॉपिक्स को अपने शिक्षक से मिलकर समझें. समय प्रबंधन पर ध्यान देते हुए सिलेबस की पढ़ाई पूरी करें. स्टेप वाइज सवालों का जवाब दें. फॉर्मूला को जरूर रिवाइज करते रहें. बीच-बीच में ब्रेक जरूर लें. नोट्स बनाकर मॉडल पेपर सॉल्व करें.
सोशल मीडिया और मोबाइल से दूरी बनाएं
नोट्रेडम एकेडमी की शिक्षिका आभा चौधरी ने बताया कि अब कुछ नया पढ़ने का समय खत्म हो गया है. जो आप पढ़ रहे हैं, उसपर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करें. एनसीइआरटी की किताबें हर विषय को पढ़ें. टाइम मैनेजमेंट का ख्याल रखें. कई बार आपको चीजें याद नहीं रहती हैं, खासकर डेटा या तारीख. ऐसे में आप उन सवालों को पढ़कर रिकॉर्ड कर लें और बार-बार सुनें इससे भी याद करने में आसानी होती है. परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया और मोबाइल से पूरी तरह से दूरी बना लें. अभिभावक घर का माहौल खुशनुमा रखें और बच्चों पर अंकों का एक्स्ट्रा प्रेशर न बनाएं.
पैरेंट्स अपने बच्चों पर रखें पूरा विश्वास
आइजीआइएमएस की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट प्रिया कुमार कहती हैं, आप शुरू से एग्जाम में पास होते आये हैं. एग्जाम में बोर्ड जुड़ जाने से डरना नहीं हैं. जरूरत है खुद में आत्मविश्वास बनाये रखने की और हर विषय पर बराबर ध्यान देने की. पैरेंट्स को भी अपने बच्चों पर विश्वास रखना होगा. उनके दोस्तों की तैयारी से तुलना कर प्रेशर देने के बजाय उन्हें मोटिवेट करना होगा. सभी अपने तरीके से पढ़ाई करते हैं. बस स्ट्रेस न लें और पढ़ाई करें. रिजल्ट की टेंशन न लें. एग्जाम से पहले प्रॉपर नींद लें. खान-पान भी खास ख्याल रखें.
ऐसे करें तैयारी
- सभी विषयों के लिए टाइम मैनेजमेंट के साथ रणनीति बनाकर पढ़ें
- न्यू सैंपल पेपर के लेटेस्ट क्वेश्चन पैटर्न को समझें.
- एनसीइआरटी की किताब को अच्छे से पढ़ें और सवालों को हल करें.
- खुद से देखें कि किस चैप्टर से या कौन सा क्वेश्चन बार-बार पूछा जा रहा है.
- महत्वपूर्ण क्वेश्चन का कॉन्सेप्ट डेवलप करें.
- एग्जाम के लिए रट्टा न मारें. जो भी पढ़ें, उसे सही तरह से समझें, उसे अपनी भाषा में लिखें.
- लिख-लिख कर प्रैक्टिस करें और एक रूटीन बनाएं- स्मार्ट तरीके से रिवीजन करें जिसे आप अलग-अलग राउंड में विभाजित करें.
एकाग्रचित्त होकर पढ़ें
- मोबाइल फोन और सोशल मीडिया से दूरी बनाएं
- इस बात पर फोकस करें की यह परीक्षा आपके आने वाले भविष्य को तय करेगा
- प्रॉपर नींद लें और खान-पान पर भी ध्यान रखें
- टाइम मैनेजमेंट के साथ प्रॉपर टाइम टेबल सेट करें
- नोट्स बनाएं, खुद को मोटिवेट करने के साथ-साथ सकारात्मक सोच रखें.
- सवालों के जवाब रिकॉर्ड कर बार-बार सुनें, इससे आपको जल्दी याद होगा
अभिभावक भी दें ध्यान
- बच्चों को सकारात्मक माहौल दें.
- बार-बार उनको परीक्षा के अंक को लेकर प्रेशर न बनाएं
- कोशिश करें की बच्चों के साथ समय व्यतीत कर उनकी परेशानी को समझें
- पढ़ाई के दौरान समय-समय पर ब्रेक लेने दें, इससे पढ़ाई का प्रेशर कम होता है.
- एग्जाम सेंटर की दूरी अनुसार सेंटर जाने को लेकर प्रॉपर प्लानिंग पहले से करें
ऐसी हो डाइट और दिनचर्या
परीक्षा के दौरान जंक या फास्ट फूड से दूरी बनाएं. गर्म खाना खाएं. दूध और सलाद का सेवन जरूर करें. पढ़ाई के शेड्यूल को फॉलो करते हुए रोजाना 8-10 घंटे की पढ़ाई करें. मॉडल पेपर सॉल्व करें. परीक्षा में कितने अंक आयेंगे, इसकी टेंशन लेने की जगह जितना समय है उसमें आप कितनी तैयारी कर सकते हैं, इस पर फोकस करें.
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