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बिहार बाल हृदय योजना की हुई शुरुआत, सीएम नीतीश ने 21 बच्चों को किया अहमदाबाद रवाना

राज्य सरकार ने अपने खर्च पर हृदय में जन्मजात छेद वाले बच्चों के इलाज के फैसले को जमीन पर उतारना शुरू कर दिया है. शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बीमारी से ग्रसित 21 बच्चों को इलाज के लिए अभिभावकों के साथ अहमदाबाद के लिए रवाना किया.

पटना. राज्य सरकार ने अपने खर्च पर हृदय में जन्मजात छेद वाले बच्चों के इलाज के फैसले को जमीन पर उतारना शुरू कर दिया है. शुक्रवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बीमारी से ग्रसित 21 बच्चों को इलाज के लिए अभिभावकों के साथ अहमदाबाद के लिए रवाना किया.

सभी बच्चों और अभिभावकों को मुख्यमंत्री संवाद परिसर से एयरपोर्ट के लिए बस से विदा किया गया. एयरपोर्ट से सभी विमान से अहमदाबाद भेजे गये, जहां उनका इलाज एक निजी अस्पताल प्रशांति मेडिकल सर्विसेज एंड रिसर्च फाउंडेशन में होगा. रवानगी के पूर्व मुख्यमंत्री ने बच्चों से मुलाकात भी की.

राज्य सरकार ने सात निश्चय पार्ट-2 के तहत हृदय में जन्मजात छेद की बीमारी से ग्रस्त बच्चों का इलाज मुफ्त में कराने की घोषणा की थी. चुनाव बाद बनी नयी सरकार ने कैबिनेट से इसकी मंजूरी ली और अहमदाबाद के इस निजी अस्पताल के साथ करार किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बीमारी से ग्रसित बच्चों की जांच फिलहाल पटना के इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) और इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में नि:शुल्क करायी जायेगी. जांच के बाद इन बच्चों को अहमदाबाद भेजा जायेगा.

शुक्रवार को अहमदाबाद के लिए रवाना किये गये बच्चों की भी आइजीआइएमएस और आइजीआइसी में जांच करायी गयी. इसके बाद उन्हें इलाज के लिए भेजा गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे बच्चों की जांच और इलाज की यहां भी इंतजाम किया जायेगा. फिलहाल अहमदाबाद के अस्पताल से एग्रीमेंट किया गया है. इसके तहत उक्त अस्पताल के डॉक्टर और कर्मी यहां आये थे. उनलोगों की देखरेख में बच्चों की जांच की गयी. उन्होंने बताया कि अहमदाबाद के उक्त निजी अस्पताल में देश के अन्य राज्यों के इस बीमारी से ग्रसित बच्चाें का इलाज किया जा रहा है.

सीएम ने बताया कि जिन बच्चों को इलाज के लिए अहमदाबाद भेजा गया है, उनके साथ अभिभावक भी गये हैं. उन पर हुए खर्च का वहन भी सरकार करेगी. उन्होंने कहा कि इलाज कराकर लौटे बच्चे और उनके अभिभावकों से मीडिया को भी रू-ब-रू कराया जायेगा, ताकि उनके अनुभवों को साझा किया जा सके.

उन्होंने कहा कि हृदय में छेद बीमारी की जानकारी किसी को मालूम नहीं होता है. इसके इजाज की व्यवस्था बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि पूरे बिहार के लोगोें को इसका लाभ मिलेगा और आने वाले दिनों में यहां भी इलाज की व्यवस्था होगी. रवानगी के बाद मुख्यमंत्री ने इस संबंध में बनी एक लघु फिल्म भी देखी.

इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार व चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत, सीएम के सचिव अनुपम कुमार, राज्य स्वास्थ्य समिति के इडी मनोज कुमार, बिहार चिकित्सा सेवा एवं आधारभूत संरचना निगम के निदेशक प्रदीप झा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे. बच्चों के अहमदाबाद रवाना होने के बाद स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने योजना की विस्तार से जानकारी दी.

Posted by Ashish Jha

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