नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए की सरकार ने मंगलवार को बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में 2024-25 के लिए दो लाख 78 हजार 725.72 करोड़ यानी 2.78 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया. राज्य में यह अब तक का सबसे बड़ा बजट आकार है. वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने पहली बार बजट को सदन में रखा. बजट में शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और सामाजिक सेक्टर को प्राथमिकता दी गयी है. बजट में नौकरियों और रोजगार पर अधिक जोर दिया गया है. मौजूदा वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट आकार दो लाख 61 हजार करोड़ रुपये से 2024-25 के बजट आकार में 16,540 करोड़ की बढ़ोतरी की गयी है. सरकार ने सभी तबके खासकर गरीब एवं वंचित वर्गों के लिए कुल बजट आकार का 38% यानी 1,08,384 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
-
वेतन पर 71816.82 करोड़
-
पेंशन पर 31796.13 करोड़
-
सूद अदायगी पर 20526.19 करोड़
-
कर्ज अदायगी में 22,392.72 करोड़
-
वाणिज्कर से 42,500 करोड़
-
स्टांप एवं निबंधन कर से 7,500 करोड़
-
परिवहन कर से 3700 करोड़
-
भू राजस्व से 600 करोड़
-
सरकार को अपने कर राजस्व के रूप में मिलेंगे 54,300 करोड़
1. नियुक्ति एवं रोजगार
2. महिला सशक्तिकरण
3. विभिन्न वर्गों का कल्याण
4.स्वास्थ्य
5.शिक्षा
6. कृषि एवं ग्रामीण
7.उद्योग एवं उद्यमिता
8. पर्यावरण संरक्षण एवं हरित विकास
-
शिक्षा – 22 प्रतिशत, 22200.35 करोड़
-
स्वास्थ्य – 7.12 प्रतिशत, 7117.56 करोड़
-
ग्रामीण विकास – 13.84 प्रतिशत, 13840.56 करोड़
-
समाज कल्याण – 8.19 प्रतिशत, 8191.79 करोड़
-
ग्रामीण कार्य – 7.41 प्रतिशत, 7409.13 करोड़
-
नगर विकास – 6.07 प्रतिशत, 6066.17करोड़
-
पथ निर्माण – 4.19 प्रतिशत, 4194.16 करोड़
-
जल संसाधन – 3.23 प्रतिशत, 3232.63 करोड़
-
कृषि – 2.78 प्रतिशत, 2782 करोड़
-
पिछड़ा-अति पिछड़ा – 1.88 प्रतिशत, 1878.53 करोड़
-
अन्य – 23.09 प्रतिशत, 23087.12 करोड़
-
2024-25 – 2,78,725
-
2023-24 – 2,61,885
-
2022-23 – 2,37,691
-
2021-22 – 2,18,303
-
2020-21 – 2,11,761
-
2019-20 – 2,00501
-
2018-19 – 1,77,000
-
2017-18 – 1,60,000
-
2016-17 – 1,44,000
-
2015-16 – 1,20,000
-
2014-15 – 1,16,000
-
अब तक का सबसे बड़ा बजट
-
इंफ्रास्ट्रक्चर पर सबसे अधिक फोकस
-
आइटी क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने की होगी कोशिश
-
पर्यटन में निवेश पर मिलेगी सब्सिडी
-
स्मार्ट मीटर को बढ़ाया जायेगा
-
सात निश्चय पार्ट 2 को पूरे राज्य में लागू किया जायेगा, इसके लिए 5040 करोड़ का प्रबंध
-
हर प्रखंड में इनडोर स्टेडियम बनेगा
-
स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के लिए सात सौ करोड़ की व्यवस्था
-
2,26,496 करोड़ होगी राजस्व प्राप्ति
-
29095.44 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा
-
कृषि विभाग : 3600.92 करोड़
-
पशु संसाधन :1631.35 करोड़
-
जल संसाधन :4398.52 करोड़
-
ग्रामीण विकास :14296.71 करोड़
-
नगर विकास एवं आवास :11298.72 करोड़
-
पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन : 853.03 करोड़
-
उद्योग :1833.09 करोड़
-
समाज कल्याण :8238.57 करोड़
-
पिछड़ा अति पिछड़ा कल्याण :1687.30 करोड़
-
एससी-एसटी कल्याण :1802.73 करोड़
-
अल्पसंख्यक कल्याण :648.66 करोड़
-
शिक्षा विभाग :52,639.03 करोड़
-
स्वास्थ्य विभाग :14932.09 करोड़
-
पथ निर्माण : 5702.81 करोड़
-
भवन निर्माण : 5012.66 करोड़
-
ग्रामीण कार्य : 9532.31 करोड़
-
पीएचइडी :1848.22 करोड़
-
बिजली : 11422.68 करोड़
-
साइंस एंड टेकनोलोजी :1072.31
-
खेल विभाग :183 .20 करोड़
-
2024-25 में सरकार को स्थापना मद में एकलाख 78 हजार 706 करोड़ से अधिक रकम खर्च करनी होगी. यह वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट अनुमान 1,61,855.67 करोड़ रुपये से 16850.42 करोड़ रुपये अधिक है.
-
2024-25 में वार्षिक योजना आकार एक लाख करोड़ रुपये का है.
-
सुशासन के कार्यक्रम, आत्म निर्भर बिहार के सात निश्चय पार्ट 2 के लिए 2024-25 में 5040 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
-
2024-25 में कुल राजस्व व्यय 2,25,676.99 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है. यह 2023-24 के बजट अनुमान 2,07848 करोड़ रुपये से 17,828.99करोड़ रुपये अधिक है.
-
2024-25 में कुल पूंजीगत व्यय53,048.72 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.
-
2024-25 में राजस्व व्यय 225676.99 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. यह बजट आकार 2,78,725.72 करोड़ रुपयेका 80.97 प्रतिशत है.
-
2024-25 में विकासात्मक कार्यों में कुल बजट आकार 2,78,725.72 करोड़ रुपसे में से 63.46 प्रतिशत यानी 1,76,866.42 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. जबकि गैर विकास कार्यों के लिए कुल बजट आकार का 36.54 प्रतिशत यानी 1,01,859.30 करोड़ रुपये खर्चहोने का अनुमान है.
-
2024-25 में राज्य सरकार अपने श्रोतों से करन राजस्व के रूप में 54,300 करोड़ रुपये का उगाही करेगी. यह 2023-24 के बजट अनुमान 49700 करोड़ के विरुद्ध 4599.95 करोड़ रुपये अधिक है.
-
2024-25 में राज्य सरकार अपने श्रोतों से गैर कर राजस्व के रूप में 7325.86 करोड़ रुपये प्राप्त करने का अनुमान है. यह 2023-24 के 6511.74 करोड की तुलना में 814.12 करोड़ रुपये अधिक है.
-
2024-25 में केंद्र सरकार से केंद्रीय करों के हिस्से के रूप में 1,13011.92 करोड़रुपये प्राप्त होने का अनुमान है. यह 2023-24 की के अनुमान 102737.26 करोड़ रुपये से 10274.66 करोड़ रुपये अधिक है.
-
2024-25 में केंद्र सरकार के सहायक अनुदान के रूप में 52160.62 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है. यह 2023-24 के बजट अनुमान 53,377.92 करोड़ की तुलना में 1217.30 करोड़ रुपये अधिक है.
शिक्षा विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 52,639.03 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह वित्तीय वर्ष के कुल बजट का 18.89 फीसदी है. इसमें स्कीम मद में 22,200.35 करोड़ और स्थापना व प्रतिबद्ध व्यय मद में 30,438.68 करोड़ रुपये प्रस्तावित किये गये हैं. जानकारी के मुताबिक पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 40450.91 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित था. यह कुल बजट का 15.45 प्रतिशत था. इस तरह शिक्षा विभाग के वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित बजट में वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 3.44 प्रतिशत अधिक बजट प्रस्तावित किया गया है. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में बजट का विश्लेषण करें, तो पूरी तरह बढ़ोतरी स्थापना व प्रतिबद्ध व्यय में हुई है. स्थापना बजट में पिछले साल की तुलना में 12188.12 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है.
बजट विशेषज्ञों के मुताबिक यह समूची राशि राज्य में नियुक्त करीब दो लाख शिक्षकों के वेतन और शिक्षा सेवकों के मानदेय आदि पर खर्च की जानी है. शिक्षा विभाग के योजना मद में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की गयी है. उसमें पिछले वित्तीय वर्ष की भांति ही बजट राशि प्रस्तावित की गयी है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में 26,465 शिक्षा सेवकों का मानदेय 11 हजार से बढ़ाकर 22 हजार किया गया है. चूंकि यह निर्णय अक्तूबर 2023 में हुआ है. इसलिए इसका वित्तीय बोझ आगामी वित्तीय वर्ष में पड़ेगा. बजट में कक्षा छह से 12 वीं के बच्चों को बढ़ावा देने के लिए राज्य के दस हजार मध्य और उच्च माध्यमिक स्कूलों में अधिकतम 20 लैपटॉप उपलब्ध कराये जा रहे हैं.
आइटीआइ को टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से प्रथम चरण में 60 आइटीआइ को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया गया है. वहीं, दूसरे चरण में 89 आइटीआइ को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जायेगा. 2023-24 में दिसंबर 2023 तक नियोजन मेला के माध्यम से 25,403 आवेदकों एवं नियोजन कैंप के माध्यम से 21,521 आवेदकों सहित 46,924 आवेदकों को रोजगार का अवसर मिला है. श्रम संसाधन विभाग का कुल 1,226.42 करोड़ रुपये का बजट है.
-
बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत इस वर्ष 30 जनवरी तक 4766 करोड़ रुपये बांटे गये हैं. अभी तक 2,58,888 कार्ड जारी किये गये हैं.
-
राज्य में संचालित प्रत्येक आवासीय विद्यालय में सीटों की संख्या 400 से बढ़ाकर 720 करने का निर्णय लिया गया है.
-
0-18 आयु वर्ग के कुल चिह्नित दिव्यांग बच्चों में से 1,34,926 बच्चों को सर्टिफिकेशन के बाद 35200 बच्चों का यूडीआइडी कार्ड बनाया जायेगा.
-
आगामी वित्तीय वर्ष में 78 अनुकरणीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में आइआइटी पटना के सहयोग से मॉडल विज्ञान लैब स्थापित किया जाना है. पिछले वित्तीय वर्ष में पटना जिले के सात स्कूलों में यह काम पूरा हो चुका है.
राज्य में एक लाख 15 हजार आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से अब तक 96,69,993 लाभुकों को लाभ पहुंचाया गया है. केंद्रों पर स्कूल पूर्व शिक्षा प्राप्त कर रहे बच्चों को पूरक पोषाहार एवं नाश्ते की व्यवस्था करने के लिए केंद्रों पर एलपीजी सिलेंडर और चूल्हे की आपूर्ति करायी जा रही है. वहीं, तीन से छह वर्ष के सभी बच्चों को पोषाक के लिए वार्षिक 400 रुपये दिये जा रहे हैं. अब तक 41,34,460 लाभुकों को पोशाक के लिए राशि दी गयी है. समाज कल्याण विभाग का कुल बजट 8,238.57 करोड़ रुपये का है. वहीं, वृद्धजनों, विधवाओं, दिव्यांगजनों सहित अन्य छह प्रकार की पेंशन योजनाएं संचालित है. 2023-24 में सभी सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं के लिए कुल प्रावधानित 407.90 करोड़ रुपये के विरुद्ध अबतक 2490.99 करोड़ रुपये का व्यय किया गया है. 101 बुनियाद केंद्रों पर 35.75 करोड़ रुपये की राशि व्यय कर कुल 1,96,390 लाभुकों को लाभान्वित किया गया है.
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से 38 जिलों में 39 अन्य पिछड़ा वर्ग कन्या आवासीय प्लस टू उच्च विद्यालय के निर्माण की प्रशासनिक स्वीकृति दी जा चुकी है और निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है. काम जल्द पूरा होगा. वहीं, राज्य के अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए 20 जिलों में 23 पिछड़ा वर्ग छात्रावास भी चल रहा है. 2024-25 में आवासीय विद्यालय एवं छात्रावास भवनों के निर्माण मद में 300 करोड़ रुपये की राशि दी गयी है. वहीं, मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अज्यंत पिछड़ा वर्ग प्रवेशिकोत्तर छात्रावृति योजना के तहत 2024-25 में 250 करोड़ रुपये प्रावधानित है. विभाग का कुल 1,687.30 करोड़ रुपये का बजट है.
वर्ष 2024-25 में ऊर्जा विभाग का कुल 11,422.68 करोड़ रुपये बजट उपबंध का प्रस्ताव है. इस वित्तीय वर्ष विभाग ने 11 हजार मेगावाट से अधिक बिजली की उपलब्धता और राज्य के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल जैसे-राजगीर, बोधगया व पटना शहर के कुछ हिस्सों को 24 घंटे हरित ऊर्जा के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. बजट भाषण में बताया कि शहरी क्षेत्रों में औसतन लगभग 23-24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 21-22 घंटे विद्युत की आपूर्ति की जा रही है. बिहार में फिलहाल विद्युत की उपलब्धता लगभग 9000 मेगावाट है, जिसमें 2486 मेगावाट बिजली नवीन व नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होती है.
भविष्य में बाढ़ का एक व बक्सर और नॉर्थ कर्णपुरा थर्मल पावर स्टेशन की दो-दो निर्माणाधीन इकाइयों से बिहार को लगभग 2099 मेगावाट अतिरिक्त बिजली प्राप्त होगी. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत राज्य में सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कजरा (लखीसराय) में 1810.37 करोड़ रुपये की लागत से बैटरी स्टोरेज प्रणाली के साथ 185 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा परियोजना का अधिष्ठापन किया जा रहा है.
महत्वपूर्ण शहरों को 24 घंटे हरित ऊर्जा के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराने के लिए एसइसीआइ के साथ 210 मेगावाट हरित ऊर्जा की आपूर्ति के लिए इकरारनामा किया गया है. इसके अंतर्गत दिन में सौर ऊर्जा के माध्यम से व सूर्यास्त के बाद अगले सूर्योदय तक सौर ऊर्जा से संचालित पंप स्टोरेज प्लांट के माध्यम से आवश्यक मात्रा में बिजली उपलब्ध होगी. इस परियोजना को जुलाई 2024 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है. ग्रिडों के माध्यम से बिहार की कुल विद्युत निकासी क्षमता 13,544 मेगावाट से बढ़कर 14,024 मेगावाट हो गयी है. वर्ष 2024-25 तक ग्रिड सब-स्टेशनों की कुल संख्या बढ़कर 176 हो जायेगी.
सरकार ने बताया कि राज्य सरकार के चतुर्थ कृषि रोडमैप (2023-2028) के अंतर्गत कृषि के लिए अलग फीडरों के सोलराइजेशन व विद्युत संरचना के निर्माण के साथ-साथ 4.80 लाख कृषि पंप सेटों को निःशुल्क नया विद्युत संबंध दिया जाना है. इसके अतिरिक्त कृषि के लिए निर्मित 1354 डेडिकेटेड फीडरों को सौर ऊर्जा देने की भी योजना है. बिजली कंपनियों ने अगले वित्तीय वर्ष में विभिन्न सेवा संवर्गों के कुल 2640 पदों पर नियुक्ति प्रस्तावित की है. इसमें मुख्यतः तकनीशियन ग्रेड-III के 2000 पदों पर नियुक्ति की जानी है.
सहकारिता विभाग की ओर से इस साल 969 विभिन्न पदों पर बहाली की जायेगी. इसमें कई पदों पर बहाली प्रक्रियाधीन है. इसके साथ ही 460 गोदामों का निर्माण किया जायेगा. पहले फेज में 4477 पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है. अगले चरण में 1601 पैक्सों में कम्प्यूटरीकरण होगा. जिला व प्रमंडल स्तरीय कार्यालयों को एक छत के नीचे लाने के लिए सहकार भवन का निर्माण कराया जा रहा है. 17 सहकार भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है. वर्ष 2024-25 में पांच सहकार भवन का निर्माण कार्य पूर्ण होगा.
खाद्य प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्द्धन हेतु चावल मिल स्थापना के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत कुल 474 चावल मिल की स्थापना हो चुकी है. 100 पैक्स में कृषि संयंत्र बैंक स्थापित किया जायेगा. 103 पैक्स में जनऔषधि केंद्र खोले जा रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्कीम मद में 962.42 करोड़ रुपये तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 246.94 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. विभाग की ओर से कुल 1,209.36 करोड़ रुपये बजट उपबंध का प्रस्ताव रखा गया है.
13 सहायक निबंधक, पांच जिला अंकेक्षण पदाधिकारी, 9 निम्नवर्गीय लिपिक तथा कार्यालय निबंधक, 255 अंकेक्षक की नियुक्ति होगी. साथ ही सात सहायक निबंधक, 133 निम्नवर्गीय लिपिक की नियुक्ति प्रक्रियाधीन है. बिहार राज्य भंडार निगम में विभिन्न पदों पर कुल 69 नियुक्ति प्रक्रियाधीन है. बिहार राज्य सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन योजना अंतर्गत तीनों स्तर पर गठित समितियों में विभिन्न स्तर पर कुल 478 लोगों की नियुक्ति की जा रही है.
सहकारी बैंकों से इस साल 16 जनवरी तक कुल 48787 कृषकों को 150 करोड़ रुपये का किसान क्रेडिट कार्ड ऋण वितरण किया गया है. 5661 पैक्स में कॉमन सेवा केंद्र की स्थापना की गयी है. शेष में वर्ष 2024-25 में कॉमन सेवा केंद्र की स्थापना होगी.
उद्योग विभाग के वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित बजट में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में केवल 187 करोड़ का इजाफा किया गया है. आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 कुल 1833.09 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया है. यह पिछले वित्तीय वर्ष से 185 करोड़ से अधिक का इजाफा किया गया है. प्रस्तावित बजट रिपोर्ट के मुताबिक आगामी वित्तीय वर्ष के लिए 1732 करोड़ रुपये और स्थापना तथा प्रतिबद्ध व्यय मद में 101.09 करोड़ का प्रस्ताव है. पिछले साल की तुलना में इसमें करीब पौने तीन करोड़ की कमी आयी है. पिछले साल के बजट में सर्वाधिक 187 करोड़ का इजाफा हुआ है.
बजट रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल ही में लॉजिस्टिक पॉलिसी और बिहार बॉयोफ्यूल्स उत्पादन प्रोत्साहन नीति को स्वीकृति दी गयी है. इससे राज्य में निवेश बढ़ने की संभावना है. इससे राज्य में लॉजिस्ट्रिक सुविधाओं मसलन रेल, सड़क, हवाई सेवा से माल ढुलाई ,एक्सप्रेस माल कार्गो का आदि सरकार विस्तार करेगी.
आगामी वित्तीय वर्ष के लिए कुल 123.80 करोड़ का बजट प्रावधानित है. इसमें स्कीम मद में 100 करोड़ और स्थापना मद में 23.80 करोड़ का व्यय प्रस्तावित किया गया है. खास बात यह है कि नयी योजना के रूप में विभाग ने बिहार राज्य गुड़ उद्योग प्रोत्साहन कार्यक्रम की योजना पर सैद्यांतिक स्वीकृति प्रदान की है.
महिलाओं को सशक्त और सक्षम बनाने की दिशा में शुरू की गयी मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना में आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 250 करोड़ का व्यय प्रस्तावित किया गया है. यह योजना उद्योग विभाग की तहत क्रियान्वित की गयी है. इसी तरह शिक्षा विभाग के तहत महिलाओं को प्रोत्साहित करने के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 600 करोड़ रुपये व्यय के लिए प्रस्तावित किये गये हैं. इस योजना के तहत इंटर उत्तीर्ण बालिकाओं को 25 हजार और स्नातक उत्तीर्ण बालिकाओं को 50 हजार रुपये दिये जाने हैं. उ
द्योग विभाग की उद्यमिता विकास योजनाओं मसलन सीएम युवा उद्यमी योजनाओं के लिए आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 660 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह राशि सीएम अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमी योजना, सीएम अति पिछड़ा वर्ग व मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक उद्यमी योजना पर खर्च किये गये जायेंगे. बजट में बिहार बिजनेस कनेक्ट की चर्चा की गयी. बताया गया कि इसमें 600 निवेशकों ने भागीदारी की. वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा कि 50 हजार करोड़ से अधिक के प्रस्तावित निवेश से आने वाले समय में काफी रोजगार का सृजन होगा.
राज्य में नयी आइटी पाॅलिसी रोजगार के अवसर को बढ़ायेगी. 2024-25 के लिए मंगलवार को विधानमंडल में पेश बजट में नयी आइटी पालिसी 2024 की चर्चा की गयी है. बजट में कहा गया कि नयी पॉलिसी अगले पांच सालों तक प्रभावी रहेगी. इस नीति का मुख्य उद्देश्य आइटी के क्षेत्र में युवाओं के लिए लाभकारी रोजगार के अवसर सृजित कर उनकी रोजगार की क्षमता को बढ़ाना है. नीति के तहत विभिन्न क्षेत्रों में प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है. इससे आइटी और इससे जुड़े सेक्टर में राेजगार के अवसर विकसित होंगे. आइटी विभाग 2024-25 में 278.44 करोड़ रुपये खर्च करेगा. विभाग साइबर सुरक्षा के लिए भी अभियान चलायेगा. बजट भाषण में बताया गया कि पटना में आइटी कंपनियों की संख्या बढ़ती जा रही है. इसके लिए जगह की मांग की गयी है.
नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए वर्ष 2024-25 में योजनाओं के लिए 6,066.17 करोड़ सहित कुल 11,298.72 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है. बजट भाषण में बताया गया कि स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अब तक चारों शहरों को 2662 करोड़ रुपये मिले हैं. इनमें भागलपुर को 835 करोड़, पटना को 611 करोड़, मुजफ्फरपुर को 688.50 करोड़ और बिहारशरीफ को 528 करोड़ रुपये दिये गये हैं. इसके साथ ही नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 27 शहरों में स्वीकृत 37 योजनाओं के माध्यम से सीवेज ट्रीटमेंट किया जा रहा है.
पटना के अलावा अन्य तीन शहरों का काम पूरा हो चुका है. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के अन्तर्गत छह छोटे-बड़े शहरों में मॉडल ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली विकसित की जा रही है. 35 नगर निकायों में 51 मैटेरियल रिकवरी फेसिलिटी चालू हैं. 87 नगर निकायों में 185 कंपोस्ट यूनिट चालू हैं, जिनमें गीले कचरे से खाद बनायी जा रही है. पटना में प्लास्टिक कचरे के प्रसंस्करण के लिए प्लास्टिक वेस्ट एमआरएफ सेंटर की स्थापना की गयी है, जहां प्रतिदिन पांच टन प्लास्टिक कचरे का निस्तारण किया जा रहा है.
सरकार ने बताया है कि वर्तमान में नगर निकायों में कार्यों के सुचारु कार्यान्वयन के लिए 244 लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी और 82 सहायक नगर योजना (टाउन प्लानिंग) पर्यवेक्षकों को विभिन्न नगर निकायों में पदस्थापित किया जा रहा है. बीपीएससी ने 110 कार्यपालक पदाधिकारियों को चयनित कर नियुक्ति की अनुशंसा की है. इन्हें विभिन्न नगर निकायों में जल्द ही पदस्थापित कर दिया जायेगा.
सरकार ने बताया कि पटना मेट्रो रेल परियोजना के दोनों कॉरिडोर में निर्माण शुरू दिया गया है. अब तक इस योजना के कार्यान्वयन के लिए केंद्र सरकार की ओर से 872.50 करोड़ रुपये और राज्य सरकार की ओर से 2529.59 करोड़ रुपये यानी कुल 3402.09 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं.
राज्य के सभी जिला मुख्यालय, एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों और कुछ अन्य महत्वपूर्ण शहरों का मास्टर प्लान तैयार करने की कार्रवाई की जा रही है. इस क्रम में 44 शहरों का जीआइएस बेस्ड मास्टर प्लान तैयार करने के लिए प्लानिंग एरिया अधिसूचित करते हुए प्लानिंग एरिया अथॉरिटी का गठन किया गया है.
गृह विभाग के लिए बजट में कुल 1,6323.83 करोड़ रुपये का उपबंध है. बजट भाषण में बताया गया कि विभाग के अंतर्गत पुलिसकर्मियों के के लिए 67,735 विभिन्न पद जबकि डायल 112 के प्रथम चरण हेतु पुलिस संवर्ग एवं गैर पुलिस संवर्ग के कुल 7,808 पदों का सृजन किया गया है. इनमें सीधी नियुक्ति के 48447 पदों में से 24,269 पदों को विमुक्त करने तथा नियुक्ति क्रिया प्रारंभ करने की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. इनमें पुलिस दरोगा एवं समकक्ष के दो हजार पद, सिपाही एवं समकक्ष के 19,169 पद एवं सिपाही चालक के 2,800 पद हैं. केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) द्वारा 21,391 पद पर नियुक्ति हेतु विज्ञापन दिया गया है.
बताया गया है कि 28 नये जिलों में 28 ट्रैफिक डीएसपी सहित 4,215 यातायात बल की स्वीकृति हो गयी है. इसके साथ ही सहायक प्रमंडलीय अग्निशमन पदाधिकारी के 21 पदों, जिला अग्निशमन पदाधिकारी के 19 पदों, अनुमंडल अग्निशमन पदाधिकारी के 53 पदों एवं अग्नि चालक के 88 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. सहायक अभियोजन पदाधिकारी के 553 पदों के विरुद्ध 541 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है. निम्न वर्गीय लिपिक एवं कार्यालय परिचारी के क्रमशः 69 पदों एवं 45 पदों पर नियुक्ति की कार्रवाई की जा रही है.
पुलिस भवनों के निर्माण को बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम को 300 करोड़ रुपये मिला है. कुल 165 थाना भवनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है. पुलिस पदाधिकारी-कर्मियों के आवासन हेतु 454 यूनिटों और सिपाहियों के आवासन हेतु कुल 16,303 यूनिट बैरक का सभी सुविधाओं सहित का निर्माण किया जा रहा है. सेफ सिटी सर्विलांस के तहत न्यायालयों व थाना भवनों में सीसीटीवी स्थापित करने की स्वीकृत परियोजना के लिए 150 करोड़ मिले हैं.
राज्य के विभिन्न जिलों के कुल 967 थानों को ऑनलाइन सीसीटीएनएस नेटवर्क से जोड़ा जा चुका है और थानों के सभी तरह के रिकार्ड की सफलतापूर्वक रियल टाइम में ऑनलाइन प्रविष्टि की जा रही है. डायल 112 (इआरएसएस) परियोजना के प्रथम चरण के विस्तारीकरण एवं द्वितीय चरण के क्रियान्वयन हेतु कुल अनुमानित लागत राशि 766 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान कर दी गयी है.
अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में पूरे राज्य में सरकार की फ्लैगशिप योजना सात निश्चय पार्ट 2 को लागू किया जायेगा. वित्त मंत्री सम्राट चौधरी ने सदन में इसकी घोषणा की है. इसके लिए बजट में 5040 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके तहत बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए 700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके तहत इस साल 31 जनवरी तक 2,58,888 छात्रों के बीच 4766 करोड़ रुपये बाटे गये हैं.
सीएम निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. कुशल युवा कार्यक्रम के लिए 363 करोड़ का प्रावधान है. हर घर नल का जल योजना के तहत 15.06 लाख घरों को इसके दायरे में लाया गया है. 2024-25 के बजट में इस योजना के लिए 1295 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. घर तक पक्की गली नाली योजना से ग्रामीण इलाकों के 177.08 तथा 08.40 लाख शहरी घराें को यह सुविधा दी गयी है. अगले वित्त वर्ष में इस योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
सरकारी आइटीआइ की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए 366 करोड़, पॉलिटेक्निक संस्थानों को विकसित करने पर 85 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. उद्यमिता प्रोत्साहन योजना पर 660 करोड़, सीएम उद्यमी योजना के लिए 250 करोड़, महिलाओं को उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना के लिए 600 करोड़, हर खेत को सिंचाई का पानी मुहैया कराने के लिए 570 करोड़, गांवों में सोलर स्ट्रीट लाइट योजना के लिए 276 करोड़, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन योजना के लिए 70 करोड़ एवं शहरी इलाकों में तथा नदियों के किनारे शवदाह गृह बनाने की योजना के लिए 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
पेयजल गुणवत्ता के राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सभी ग्रामीण परिवारों को 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन की दर से जलापूर्ति की जा रही है, जो राष्ट्रीय औसत से 15 लीटर अधिक है. वहीं, 7326 छूटे हुए टोलों, बसावट में शुद्ध पेयजल पहुंचाने का काम शुरू है. राज्य के गैर गुणवत्ता प्रभावित क्षेत्र में 1118 पाइप जलापूर्ति योजनाओं में पाइपलाइन का विस्तार करते हुए लाभुक परिवारों को नल का जल उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गयी है. साथ ही गंगा से पानी लेकर बक्सर, भोजपुर, वैशाली, बेगूसराय, पटना व भागलपुर जिलों के 1070 आर्सेनिक प्रभावित वार्डों में जलापूर्ति प्रारंभ कर दी गयी है. पीएचइडी का कुल बजट 1,848,22 करोड़ रुपये का है.
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से राज्य सरकार के बजट में बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में 82 नये प्रखंड कार्यालय- सह-आवासीय भवन, निरीक्षण कमरा व परिसर का निर्माण किया जायेगा. 1.77 करोड़ पौधे लगाये जायेंगे. राज्य में कुल 101 प्रखंड सूचना प्रौद्योगिकी केंद्र का निर्माण किया जा रहा है. कृषि एवं पशु अपशिष्ट के निबटान के लिए गोबर-धन योजना के तहत जिला स्तर पर गोबरधन इकाई स्थापित किये जायेंगे. राज्य में 15 गोबरधन इकाई का निर्माण किया गया और 21 निर्माणाधीन हैं. विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्कीम मद में 13,733.06 करोड़ रुपये व स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 563.65 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. कुल 14,296.71 करोड़ रुपये बजट उपबंध का प्रस्ताव रखा गया है.
राज्य के 72.045 वार्डों में में घर-घर से ठोस अपशिष्ट का संग्रहण व निष्पादन किया जा रहा है. गांवों में कचरा के उठाव व परिवहन के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर क्रय किये गए 5,584 इ-रिक्शा और 76,345 पैडल रिक्शा का उपयोग किया जा रहा है. प्लास्टिक अपशिष्ट के समुचित निबटान के लिए अनुमंडल स्तर पर अब तक 133 प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्रों का निर्माण किया गया है.
वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2021-22 तक कुल 37,01,650 प्रधानमंत्री आवास निर्माण का लक्ष्य रखा गया था. इसमें 36,29,838 लाभुकों द्वारा आवास निर्माण पूर्ण किया गया है. वित्तीय वर्ष 2018-19, 2021-22 एवं 2023-24 के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 57145 आवास निर्माण का लक्ष्य है. इसमें 24,155 लाभुकों ने आवास का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया है. अधूरे इंदिरा आवासों के निर्माण के लिए 38,279 लाभुकों का चयन किया गया था. इस साल 16 जनवरी तक कुल 16,353 लाभुकों को आवास की स्वीकृति दी गयी है.
वित्तीय वर्ष 2023-24 में लाभुकों को वास भूमि क्रय के लिए दी जाने वाली सहायता राशि 60 हजार रुपये से बढ़ाकर अधिकतम एक लाख रुपये का प्रावधान किया गया है. इस योजना के तहत 4070 लाभुकों को 60 हजार रुपये की दर से सहायता राशि दी गयी है. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के दूसरे चरण में 13.55 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है. 80 हजार से अधिक सार्वजनिक जल संचयनों का निर्माण किया गया है.
पीएमइ बस सेवा योजना के तहत पटना में 150, मुजफ्फरपुर में 50, गया 50, दरभंगा 50, पूर्णिया 50, भागलपुर में 50 बसों का परिचालन होगा. यानी सार्वजनिक परिवहन के लिए आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से 400 इलेक्ट्रिक बसों का परिचालन होगा. साथ ही, यदि कोई महिला के नाम पर तिपहिया वाहन, टैक्सी, मोटर कैब, मैक्सी कैब निबंधित होता है और महिला के पास व्यावसायिक लाइसेंस है, जिसे खुद चलायेगी, तो उसके लिए वाहन कर में शत-प्रतिशत छूट दी गयी है. वहीं, इलेक्ट्रिक वाहनों पर 50 प्रतिशत की छूट दी गयी है. फिलहाल सभी जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण होना है. इसमें 15 जिलों में काम पूरा हो गया है. नौ जिलों में यह काम प्रगति पर है. परिवहन विभाग का कुल बजट 451.46 करोड़ रुपये का है.
राज्य सरकार के बजट में इस साल कृषि शिक्षा, शोध व आधुनिक खेती पर फोकस किया गया है. वैशाली के बिदुपुर में पान विकास के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी. मखाना के लिए 20 तथा प्याज के लिए 25 भंडार गृह का निर्माण कराया जा रहा है. गया के बाराचट्टी प्रक्षेत्र पर भूमि एवं जल संरक्षण का मॉडल प्रदर्शन केंद्र की स्वीकृति दी गयी है. 102 करोड़ रुपये की लागत से 100 सीड हब विकसित किये जायेंगे. कृषि संबंधित उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए सेकेंड्री कृषि से संबंधित शिक्षा एवं शोध संस्थान की स्थापना होगी. कृषि विभाग की ओर से स्कीम मद में 2,782.00 करोड़ रुपये तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय मद में 818.92 करोड़ रुपये खर्च होंगे. कुल 3,600.92 करोड़ रुपये बजट उपबंध का प्रस्ताव रखा गया है.
दलहन एवं तेलहन तथा आधुनिक कृषि यंत्रों को बढ़ावा देने के लिए विशेष कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना होगी. मोटे अनाज पर शिक्षा, शोध एवं प्रसार हेतु दीर्घकालिक अवधि के लिए प्रभावी योजना पर कार्य किया जा रहा है. कृषि में शोध करने वाले पीएचडी के छात्रों को अन्य छात्रवृत्तियों के अलावा प्रतिमाह दस हजार रुपये दिया जायेगा.
आकस्मिक फसल योजना के तहत वर्ष 2023 में 2.05 लाख किसानों को 13328.42 क्विंटल निःशुल्क बीज की आपूर्ति की गयी. राज्य में बागवानी विकास के लिए वर्ष 2023-24 में 3872 हेक्टेयर में फलदार वृक्षों के नये बगीचों की स्थापना होगी. 4.86 लाख मशरूम कीट का वितरण किया गया है. कृषि यांत्रिकरण योजना के तहत 119.00 करोड़ रुपये की लागत से 108 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जा रहा है. अब तक कृषि इस योजना के तहत 46,741 परमिट निर्गत किये जा चुके हैं. 1992 करोड़ रुपये का अनुदान 7602 लाभार्थी किसानों के बीच भुगतान किया जा चुका है.
राज्य में 25 स्थायी जैविक उत्पाद बिक्री केंद्र संचालित किये जा रहे हैं. जैविक उत्पाद की बिक्री को बढ़ावा देने हेतु 43 ई-रिक्शा दी गयी है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर के अधीन 208 सहायक प्राध्यापक एवं कृषि ज्ञान केंद्रों में 16 विषयवस्तु विशेषज्ञ की नियुक्ति की गयी है. आत्मा योजना के तहत कुल 641 तकनीकी / गैर-तकनीकी मानव बल, 1452 किसान सलाहकारों को वर्ष 2023-24 में चयनित किया गया है.
अप्रैल 2016 में शराबबंदी लागू होने के बाद नवंबर, 2023 तक मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग और पुलिस ने कुल 7.09 लाख मामले दर्ज करते हुए 10.55 लाख व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है. राज्य के बाहर से 7,646 अवैध शराब कारोबारी भी गिरफ्तार हुए. इसके साथ ही शराब मामले में पकड़े गये कुल 1,06,273 वाहनों में से 69,998 वाहन नीलाम किये गये, जबकि 9,531 वाहनों को अर्थदंड पर मुक्त किया गया है. बजट भाषण में बताया गया कि राज्य में कुल 84 मद्यनिषेध थाना की स्थापना की गयी है. उत्पाद मामले के त्वरित निष्पादन के लिए 74 विशेष न्यायालयों की स्थापना की गयी है.
राज्य में कुल 84 चेक पोस्ट कार्यरत हैं, जहां सीसीटीवी कैमरे से लगातार निगरानी की जा रही है. शराब और ताड़ी के परंपरागत व्यवसाय में लगे परिवारों के लिये सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा रोजगार के लिए एक लाख रुपये तक दी जा रही आर्थिक मदद को बढ़ा कर दो लाख रुपये कर दिया गया है. साथ ही, नीरा के उत्पादन व बिक्री को प्रोत्साहित किया जा रहा है. जब्त शराब की बोतलों का सदुपयोग व रोजगार सृजन के उद्देश्य से चूड़ी निर्माण कराया जा रहा है. 2024-25 में विभाग के लिए कुल 674.55 करोड़ रुपये बजट उपबंध का प्रस्ताव है.
विकसित बिहार के बगैर विकसित भारत का सपना अधूरा है, क्योंकि भारत के आर्थिक विकास में बिहार का महत्वपूर्ण योगदान है. लगभग पिछले दो दशकों से राज्य की अर्थव्यवस्था तेज गति से बढ़ रही है. केंद्र सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी अद्यतन रिपोर्ट के अनुसार आधार वर्ष 2011-12 के स्थिर मूल्य पर बिहार का आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2022-23 में 10.64 प्रतिशत दर्ज हुआ. यह आर्थिक वृद्धि दर देश के अन्य राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में सर्वाधिक है.
महाराष्ट्र, केरल तथा गुजरात के सकल राज्य घरेलू उत्पाद के आंकड़े वर्ष 2022-23 के लिए अभी तक जारी नहीं किये गये हैं. बिहार का आर्थिक वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत के 7.24 प्रतिशत से 3.40 प्रतिशत अधिक है. बजट 2024-25 का मुख्य उद्देश्य उच्च आर्थिक विकास के लक्ष्य को साधने के लिए बिहार सरकार ने बजट को विवेकपूर्ण ढंग से सुक्ष्म प्रबंधन के द्वारा तैयार किया है. इसके फलस्वरूप अर्थव्यवस्था का आकार 9.77 लाख करोड़ रुपये हो जायेगा. 13.5 प्रतिशत के आर्थिक वृद्धि दर के लक्ष्य के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक उत्थान को बजट में सर्वाधिक प्राथमिकता दी गयी है.
कुल बजट का 63.5 प्रतिशत राशि प्रदेश के विकासात्मक मदों, जिनमें सामाजिक-आर्थिक एवं सार्वजनिक निवेश हैं, प्रावधान किये गये हैं. यह राशि 01.77 लाख करोड़ रुपये है. समग्र सकल घरेलू उत्पाद का 18.1 प्रतिशत विकास के मद में कर्णांकित किया गया है. यह शिक्षा-स्वास्थ्य सहित राज्य के सामाजिक-आर्थिक उन्नति को प्रसस्त करेगा. 2023-24 के विकासात्मक व्यय 1.67 लाख करोड़ रुपये से 5.67 प्रतिशत की वृद्धि के फलस्वरूप 2024-25 में 9491 करोड़ रुपये बढ़ कर 1.78 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है. इस प्रकार राज्य के विकासात्मक व्यय के रूझानों से राज्य सरकार का विकास के प्रति वचनबद्धता प्रमाणित होता है.
सामाजिक विकास को प्रोत्साहन: युवा और महिलाओं सहित राज्य के हर वर्ग के उत्थान के लिए बजट का 39 प्रतिशत राशि सामाजिक न्याय के मद में कर्णांकित की गयी है. 2024-25 में पहली बार सामाजिक क्षेत्र पर एक लाख करोड़ से ज्यादा राशि कर्णांकित किया गया है. राज्य में शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए 54,605 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. शिक्षा, खेल, कला संस्कृति एवं युवा पर कुल बजट का 20 प्रतिशत राशि कर्णांकित है जो 2023-24 की तुलना में 12,224 करोड़ अधिक है. स्वास्थ्य (जलापूर्ति, स्वच्छता, पोषण, सामाजिक सुरक्षा सहित अन्य सामाजिक क्षेत्र) पर राजकीय कोष का लगभग 20 प्रतिशत कर्णांकित है. यह बजट शिक्षा एवं स्वास्थ्य संबंधित संरचनाओं का विस्तार कर बेहतर सुविधा मुहैया करायेगा, जो प्रदेश का मानव विकास को प्रसस्त करेगा.
आर्थिक क्षेत्र में पहल: प्रदेश में निवेश को आकर्षित करने के लिए बजट में बिहार इथेनॉल नीति, इलेक्ट्रीक वाहन नीति, सूचना प्रावैधिकी नीति, पर्यटन नीति, लाॅजिस्टिक नीति इत्यादि को लागू किया गया है. आर्थिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कुल बजट का करीब 23 प्रतिशत (63,217 करोड़ रूपए) का प्रावधान किया गया है. ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए बजट में ग्रामीण विकास पर 27,100 करोड़ रुपए के प्रावधान किये गये है .
Also Read: Bihar Budget Session 2024: सम्राट चौधरी ने पहली बार पेश किया बजट, कहा बिहार में सबसे तेजी से गरीबी घटी
2024-25 का राज्य का बजट एक व्यापक वित्तीय रोडमैप है जो सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचे के विकास, हरित ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगाने एवं सरकार के अन्य पहल को एकीकृत करता है. यह बजट समावेशी विकास और समृद्धि को सुनिश्चित करता है. राज्य सरकार ने 2024-25 के लिए पेश किये गये राज्य के बजट का आकार करीब 2.79 लाख करोड़ रुपये है, जो पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के बजट 2.62 लाख करोड़ रुपये से 6.43 फीसदी ज्यादा है.
विकास पर निरंतर ध्यान देने के साथ- साथ, राज्य के बजट में 53048.72 करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय और 2,25,676.99 करोड़ रुपये का राजस्व व्यय प्रस्तावित किया गया है. इसके अतिरिक्त, 29415.91 करोड़ रुपये का पुंजीगत परिव्यय प्रस्तावित है, जिससे राजकीय संपत्तियों और रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. साथ ही राजकोषीय घाटा 29095.42 करोड़ रुपये तक सीमित रहने का अनुमान है, जो कि सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.98% है.
यह एक समावेशी बजट है. राज्य सरकार ने 2,78,925.72 करोड़ रुपये के प्रस्तावित राजस्व प्राप्ति के मुकाबले 2,78,725.72 करोड़ का अधिशेष बजट तैयार किया है. साथ ही, योजनाओं पर व्यय 1,00,019.63 करोड़ रुपये है जो कि कुल बजट का 36 प्रतिशत है. 2024-25 में सरकार ने सामाजिक क्षेत्र में खर्च के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, जो पिछले वित्त वर्ष के वास्तविक खर्च से 14.9 प्रतिशत अधिक है. यह सरकार की विकास योजनाओं पर अधिक व्यय को दर्शाता है.
क्षेत्रवार विश्लेषण महिलाओं, युवाओं और बच्चों सहित अन्य लोक कल्याण योजनाओ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को व्यक्त करता है. 2024-25 में तीन प्रमुख सेवाओं – सामाजिक, सामान्य और आर्थिक में से सबसे अधिक आवंटन सामाजिक सेवाओं के लिए था. सामाजिक सेवाओं की हिस्सेदारी 39 प्रतिशत है, इसके बाद सामान्य सेवाओं की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत और आर्थिक सेवाओं की हिस्सेदारी 23 प्रतिशत है. गौरतलब है कि सरकार पिछले कुछ सालों से इसी रूपरेखा पर चल रही है.
कुल मिलाकर, सरकार द्वारा सामाजिक सेवाओं के लिए 108384 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है, जिसमें से 38.89 प्रतिशत का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा के लिए आवंटित है. चूंकि सरकार की विभिन्न प्रतिज्ञाओं के पीछे मुख्य ध्यान कल्याण वाद पर है, इसलिए सामाजिक सुरक्षा और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए 19768.16 करोड़ रुपये आवंटित किया गया है, जो कुल सामाजिक सेवाओं का 7.09 प्रतिशत है. इसके बाद जल आपूर्ति और स्वच्छता का सात प्रतिशत और स्वास्थ्य का 5.20 प्रतिशत हिस्सा है. इस प्रकार वर्तमान बजट एक समावेशी बजट का प्रतिनिधित्व करता है. इसमें महिलाओं के सशक्तिकरण, युवाओं के उत्थान और समुदायों के कल्याण के लिए आवंटन किया गया है.
लोगों के लिए प्रतिबद्धता: राज्य की प्रतिबद्धता इस बात से भी स्पष्ट होती है कि सात निश्चय-02 के लिए 5040 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. जिसमें से बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए सात सौ करोड़ रुपये, 31औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना के लिए 366 करोड़ रुपये, उद्यमिता विकास योजनाओं के लिए 660 करोड़ रुपये, महिला उद्यमी योजना के लिए 250 करोड़ रुपये, महिलाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने हेतु 600 करोड़ रुपये एवं सिंचाई आदि के लिए 570 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं.
उपलब्धियां भी रही बेमिसाल: हाल के वर्षों में पहले चरण में 116359 शिक्षकों की नियुक्ति, दूसरे चरण में 96823 शिक्षकों की नियुक्ति और चालू वर्ष में 2942 डॉक्टरों की नियुक्ति राज्य सरकार की नौकरियों को लेकर प्रतिबद्धता को दर्शाती है. पिछले वर्ष 2023-24 में विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में 4115 चिकित्सा पदाधिकारियों की नियुक्ति तथा 234165 लोगों को नियमित, संविदा एवं बाह्य स्रोतों से रोजगार उपलब्ध कराना वर्तमान सरकार की उपलब्धि रही है. सरकार विशिष्ट क्षेत्रों की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023, बिहार पर्यटन नीति 2023, आई टी नीति 2024, जैसी कई नई नीतियां भी लेकर आयी है. निष्कर्ष में यह कहा जा सकता है कि यह बजट 2024-25 प्रगतिशील बिहार का प्रतिनिधित्व करता है जो आर्थिक विकास को पर्यावरणीय जिम्मेदारी और सामाजिक समावेशिता के साथ जोड़ता है.