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PHOTOS: बिहार का कैंसर पीड़ित मासूम जब वाराणसी का ADG बना, खाकी वर्दी पहनकर एक्शन में दिखा प्रभात

बिहार के कैंसर पीड़ित एक मासूम बच्चे ने आइपीएस बनने की इच्छा जतायी. यूपी के वाराणसी का एक दिन के लिए उसे एडीजी बनाया गया.

वाराणसी जोन के एडीजी कार्यालय में मंगलवार को नौ साल के बच्चे ने सशस्त्र एडीजी का चार्ज संभाला. बच्चा कैंसर पीड़ित है. उसकी अंतिम इच्छा आईपीएस अफसर बनने की है. बच्चे के इस सपने को पूरा करने के लिए वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने उसे एक दिन के लिए कार्यभार सौंपा. उक्त बालक बिहार के सुपौल जिला के प्रतापगंज प्रखंड के तेकुना वार्ड नंबर 06 निवासी रंजीत दास व संजू देवी के 09 वर्षीय पुत्र प्रभात रंजन भारती हैं.

एक दिन के लिए लिया एडीजी का चार्ज

प्रभात रंजन की इच्छा पर उसे एक दिन का एडीजी बनाया गया. प्रभात ने सशस्त्र बल के साथ एडीजी का चार्ज लिया. पूरी प्रक्रिया के बीच आफिस में पुलिसकर्मियों और गार्ड ने सलामी दी. एक दिन के एडीजी ने कार्यालय और परेड का निरीक्षण किया.जानकारी के मुताबिक सुपौल जिले के प्रतापगंज प्रखंड अंतर्गत तेकुना निवासी रंजीत दास के पुत्र प्रभात ब्रेन के कैंसर से पीड़ित हैं. जिसका इलाज लहरतारा स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर के अस्पताल में इलाज चल रहा है. मेक ए विश नामक संस्था की ओर से गंभीर रूप से पीड़ित बच्चों की इच्छाओं को पूरा कराया जाता है.

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IPS बनने की इच्छा जतायी थी

संस्था के सदस्यों ने कैंसर हॉस्पिटल में प्रभात से मुलाकात की तो उसने आईपीएस बनने की इच्छा जाहिर की थी. इसकी जानकारी होने पर वाराणसी जोन के एडीजी पीयूष मोर्डिया ने मंगलवार को बच्चे को उसके पिता रंजीत और मां संजू के साथ बुलाया. साथ में एनजीओ के लोग भी रहे. बताया कि बच्चे की इच्छा है कि वह बड़ा होकर आईपीएस अफसर बनेगा. एडीजी पीयूष मोर्डिया ने अपने कार्यों से दरियादिली दिखाई. बच्चे का सपना पूरा किया. एक दिन का प्रभार कैंसर पीड़ित प्रभात रंजन के पास रहा.

कैंसर से लड़ रहा यूकेजी का छात्र प्रभात

मंगलवार को एडीजी चार्ज लेने के बाद आईपीएस पीयूष मोर्डिया ने छात्र प्रभात को गुलदस्ता भेंट किया. इसके बाद पुलिस टीम की मौजूदगी में ससम्मान अपनी कुर्सी पर बैठाया. कार्यालय के सभी पुलिसकर्मी प्रभात से मिले और सलामी दी. इसके बाद जिप्सी में बैठकर प्रभात को भ्रमण कराया गया. प्रभात यूकेजी का छात्र है, पिछले साल उसके कैंसर होने की जानकारी हुई. इच्छा पूरी होने के बाद छात्र खुश नजर आया.

प्रभात के दादा ने बताया..

प्रभात के दादा सतन दास ने बताया कि उनके नन्हें पोते की इच्छा पूरी कर एडीजी साहब ने मानवता व पुलिस धर्म का पालन किया है. हम उनके प्रति आभार प्रकट करते हैं. कहा कि प्रभात रंजन नवंबर-दिसंबर 2023 में बीमार पड़ा. जब उसे विराटनगर नेपाल अस्पताल में जांच करवाया तो पता चला कि वह उसे कैंसर हो गया है. जिसे डॉक्टर ने बनारस रेफर कर दिया. प्रभात पूरे परिवार के साथ बुधवार को बनारस से अपने घर के लिये प्रस्थान कर चुके हैं. पीड़ित बच्चे के पिता को तीन कट्ठा बसोवास जमीन है. वे जीविका प्रतापगंज में कार्यरत है. जीवकोपार्जन का अन्य कोई साधन नहीं है. पीड़ित प्रभात रंजन तीन भाई बहन हैं. जिसमें वह सबसे बड़ा है. एक भाई 03 वर्ष का एवं एक बहन 05 वर्ष की है.

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