नालंदा. बिहार में आये दिन निगरानी की टीम घूसखोरों को रंगेहाथ पकड़ती है, इसके बावजूद लोगों में न डर है ना शर्म. रिश्वतखोरों को यह भी पता है कि पकड़े जाने के बाद नौकरी पर आफत आ जायेगी, इसके बावजूद आये दिन रिश्वतखोरी की घटनाएं सामने आती रहती हैं. बिहार में कई रिश्वतखोर आज भी जेलों की काल कोठरी में समय गुजार रहे हैं. ऊपर से उनका परिवार समाज में बदनामी भी अलग झेल रहा होता है. इसके बावजूद लोग अपनी आदतों से बाज नहीं आते हैं.
ताजा मामला बिहार के नालंदा जिले के हिलसा का है जहां प्रखंड कार्यालय में तैनात डाटा एंट्री ऑपरेटर कुंदन कुमार को निगरानी की टीम ने 19 हजार रुपए घूस लेते रंगे हाथ पकड़ा है. कुंदन को गिरफ्तार कर निगरानी की टीम पटना लेकर रवाना हुई है. बताया जाता है कि हिलसा के दाहाविगहा निवासी जितेन्द्र वर्मा के बेटे उमेश प्रसाद ने 20 फरवरी को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में यह शिकायत की थी कि डाटा एंट्री ऑपरेटर कुंदन कुमार दो जमीन का छूटा हुआ, जमाबंदी चढ़ाने के लिए 20 हजार रुपये बतौर रिश्वत मांग रहे हैं.
मामले का सत्यापन के क्रम में आरोपी द्वारा 19 हजार रुपये रिश्वत मांगे जाने का प्रमाण मिला. कुंदन पर जो आरोप पीड़ित ने लगाए थे, वो सही पाया गया. पुलिस उपाधीक्षक विमलेन्दु कुमार गुलशन के नेतृत्व में एक धावा टीम का गठन किया गया. टीम ने कार्रवाई करते हुए कुंदन कुमार को 19 हजार रुपये घूस लेते हिलसा अंचल कार्यालय के पास से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस उससे पूछताछ कर रही है.