बिहार विधानसभा चुनाव 2020, Bihar vidhan sabha Chunav 2020: तीन चरणों में होने वाले बिहार चुनाव 2020 में पटना की ट्रांसजेंडर मोनिका दास इस बार सुर्खियों में है. चुनाव आयोग ने इस बार ट्रांसजेंडर समुदाय को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की एक बेहतरीन पहल की है. मोनिका दास को आगामी बिहार चुनाव के लिए पीठासीन पदाधिकारी की जिम्मेदारी दी गई है.
सूबे के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब कोई ट्रांसजेंडर चुनाव के दौरान पीठासीन पदाधिकारी की भूमिका में हो. जन्म से ही समाज के बीच तमाम संघर्षों से जूझकर सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ने वाली मोनिका दास ने दूसरों के लिए भी उदाहरण पेश किया है. जानते हैं कौन है बिहार की ट्रांसजेंडर मोनिका दास जिसकी चर्चा पूरे देश में है.
ट्रांसजेंडर को अक्सर जहां जन्म के बाद ही समाज में अलग-थलग होकर जीवनयापन करने पर विवश होना पड़ता है वहीं पटना निवासी ट्रांसजेंडर मोनिका दास ने अपने जीवन को अलग तरीके से जीने की ठानी. उन्होंने मेहनत को अपना औजार बनाया और सामाजिक बाधा रूपी चट्टान को काटकर अपनी सफलता का मार्ग खुद बनाया. मोनिका दास वर्तमान में देश की पहली ट्रांसजेंडर बैंकर की भूमिका निभा रही हैं, जो राजधानी पटना के बैंक में कार्यरत है.
मोनिका दास ने खुद पर भरोसा जताते हुए अपने मेहनत के दम पर समाज के बीच एक पहचान ही नहीं बनाई है बल्कि उनकी प्रतिभा को भी लोग काफी सराहते रहे हैं. शिक्षा को अपना हथियार बनाकर मोनिका दास ने पटना यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई पूरी की और गोल्ड मेडल हासिल किया.
वहीं खुबसूरती के मामले में भी वो किसी से कम नहीं. सुंदरता को लेकर भी मोनिका काफी सुर्खिया बटोर चुकी हैं. वो ब्यूटी कंपटिशन में भी भाग लेती हैं और सौंदर्य प्रतियोगिता में वो फेस ऑफ पटना भी रह चुकी हैं.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से ट्रांसजेंडर को तीसरे लिंग के रूप में मान्यता मिल चुकी है. जिसके बाद उन्हें समाज के मुख्यधारा में जोड़ने का प्रयास भी चल रहा है.राज्य में किन्नर कल्याण बोर्ड का भी गठन इसी उद्देयश्य से किया गया है. बिहार में पहली बार किसी ट्रांसजेंडर को पीठासीन पदाधिकारी बनाने पर पूरे ट्रांसजेंडर समुदाय में उत्साह है. मोनिका दास वैसे ट्रांसजेंडर के लिए एक उदाहरण हैं जिन्होने खुद को समाज की मुख्यधारा से अलग कर रखा है.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya