कौशिक रंजन, पटना : इस बार के विधानसभा चुनाव में एनडीए समेत अन्य दलों के बीच हार-जीत का परिणाम 20-20 मैच की तरह हुआ है. जितना रोचक जीत का गणित रहा है, उतना ही रोचक दलों को मिले वोट के प्रतिशत के अनुपात में सीटों की संख्या भी रही. लोजपा इस बार एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ी और इसके कारण जदयू को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
भाजपा को भी राघोपुर समेत कुछ एक प्रतिष्ठा वाली सीटों पर नुकसान उठाना पड़ा. लोजपा इस बार 145 सीटों पर चुनाव लड़ी. उसे 5.69 प्रतिशत वोट भी मिले, लेकिन बड़ी मुश्किल से सिर्फ एक सीट ही जीत पायी. अन्य सीटों पर अच्छा- खासा वोट काटकर उसने मुख्य रूप से जदयू का खेल बिगाड़ने या इसे हराने का काम किया.
वहीं, इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा फायदा सभी वाम दलों को हुआ. इन्हें लोजपा से कम करीब पौने दो प्रतिशत ही वोट मिले, लेकिन इसने 12 सीटों पर जीत हासिल की. वोट प्रतिशत कम होने के बावजूद सीटों पर बदले समीकरण की वजह से उसे इसका सीधा फायदा मिला. बड़ी पार्टियों में राजद को 2015 के चुनाव की तुलना में इस बार थोड़ी कम सीटें मिलीं.
पिछली बार राजद को 80 सीटें आयी थीं, जबकि इस बार 75 सीटें मिली हैं. उसे पांच सीटों का नुकसान होते हुए भी पिछली बार से ज्यादा 23.11 प्रतिशत वोट मिले हैं. पिछली बार उसे 18.35 प्रतिशत वोट मिले थे. इसके अलावा भाजपा और जदयू के वोट प्रतिशत में भी कमी आयी है. भाजपा को सीटों का जबरदस्त फायदा हुआ है. उसे इस बार 74 सीटें आयी हैं, जो पिछली बार से 21 सीटें ज्यादा हैं.
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सीमांचल इलाके में पांच सीटें जीतने वाली ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएमआइ ने पांच सीटें जीतीं और उसे 1.24 प्रतिशत वोट मिले हैं. इस चुनाव में 10 साल बाद बासपा ने एक सीट जीती है, उसे 1.49 प्रतिशत वोट मिले हैं.
हालांकि इस बार भाजपा को पिछली बार से कम 19.46 प्रतिशत ही वोट मिले हैं. पिछली बार भाजपा को 24.42 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन उसे महज 53 सीटें ही मिली थी. जदयू को पिछली बार 71 सीटें मिली थीं और वोट प्रतिशत 16.83 प्रतिशत था. इस बार उसकी सीटें और वोट प्रतिशत दोनों में कमी आयी है.
जदयू को इस बार 43 सीटें और वोटों का प्रतिशत 15.42 प्रतिशत है. जदयू को इस बार दोनों स्तर पर ज्यादा नुकसान हुआ है. इसके अलावा कांग्रेस को इस बार 9.53 प्रतिशत वोट मिले हैं. पिछली बार 6.66 प्रतिशत वोट मिले थे. इस बार उसके भी वोटों के प्रतिशत में इजाफा हुआ है. उसके सीटों की संख्या 27 से घटकर 17 हो गयी है.
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भाजपा 19.46% 74
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जदयू 15.39% 43
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राजद 23.11% 75
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एआइएमआइएम 01.24 % 5
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कांग्रेस 09.48% 19
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बसपा 01.49% 01
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सीपीआइ 0.83% 02
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माकपा 0.65% 02
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लोजपा 05.66% 01
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राकांपा 0.23% 00
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रालोसपा 01.77% 00
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नोटा 01.68%
Posted by Ashish Jha