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Bihar chunav: बाढ़ग्रस्त इलाकों के मतदाताओं ने नेताओं को चेताया, इन कारणों से मतदान करेंगे प्रभावित…

बिहार विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले बाढ़ग्रस्त इलाकों के मतदाताओं में नाराजगी है. 2017 में आये प्रलयंकारी बाढ़ के चपेट से ध्वस्त तटबंध के अबतक मरम्मती नहीं होने से आक्रोशित अररिया जिलान्तर्गत ताराबाड़ी के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन के विरोध में एक बैठक आयोजित की. जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित होकर चुनाव से पूर्व तटबंध के मरम्मती को लेकर विभाग को अल्टिमेटल दिया है. इस दौरान एकजुट ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को आगाह करते चेताया कि बिहार चुनाव 2020 पूर्व निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से मतदान पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ने की बात कही.

बिहार विधानसभा चुनाव शुरू होने से पहले बाढ़ग्रस्त इलाकों के मतदाताओं में नाराजगी है. 2017 में आये प्रलयंकारी बाढ़ के चपेट से ध्वस्त तटबंध के अबतक मरम्मती नहीं होने से आक्रोशित अररिया जिलान्तर्गत ताराबाड़ी के ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन के विरोध में एक बैठक आयोजित की. जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित होकर चुनाव से पूर्व तटबंध के मरम्मती को लेकर विभाग को अल्टिमेटल दिया है. इस दौरान एकजुट ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को आगाह करते चेताया कि बिहार चुनाव 2020 पूर्व निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से मतदान पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ने की बात कही.

विनाशकारी बाढ़ में तटबंध ध्वस्त हो गया

ग्रामीणों ने बताया कि चार वर्ष पूर्व अररिया प्रखंड व पलासी प्रखंड के बीचो-बीच बहने वाली मरिया बकरा नदी के तट पर इस क्षेत्र को बाढ़ से निजात दिलाने के लिए वर्ष 2008 में तटबंध का निर्माण कराया गया था. लेकिन वर्ष 2017 के विनाशकारी बाढ़ में मदनपुर पूर्वी पंचायत के कई गांवों के आसपास तटबंध ध्वस्त हो गया था.

खेती-बाड़ी भी चौपट,सड़क व पुल-पुलिया भी ध्वस्त लेकिन प्रशासन गंभीर नहीं

उन्होंने कहा कि इसका मरम्मती कार्य आजतक पूर्ण नहीं हो सका है. वहीं मरिया बकरा नदी से थोड़ी हीं दूरी पर बकरा नदी का बहाव हो रहा है. बरसात के दिनों में बकरा नदी की पानी इसी रास्ते मदनपुर पूर्वी व पश्चिमी, पोखरिया, अररिया बस्ती, तरौना भोजपुर सहित दर्जनों गांवों को हल्की बाढ़ में भी कई दिनों तक प्रलयंकारी बना देता है. इसके कारण खेती-बाड़ी भी चौपट है. इसके जद में कई सड़क व पुल-पुलिया भी ध्वस्त हो चुका है. बावजूद इसके अबतक इस मुद्दे पर प्रशासन गंभीर नहीं है.

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कई बार प्रदर्शन व लिखित शिकायत के बावजूद भी पहल नहीं

आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि इस गंभीर मुद्दे को लेकर कई बार प्रदर्शन व लिखित शिकायत के बावजूद भी पहल नहीं की गयी. चुनाव के वक्त ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर एकजुट हैं. जिसमें काम नहीं तो वोट नहीं का सामूहिक निर्णय लिया गया. मौके पर नित्यानंद सिंह, विजय आनंद, पंकज, मुकेश, सूर्यानंद सिंह, अशोक सिंह, महादेव सिंह, कनक लाल सिंह, संतोष सिंह, जया भारती, संगीता देवी, बबीता कुमारी, बबलू सिंह, वीरेंद्र सिंह, गोविंदा, जितेंद्र सिंह, रामकृष्ण सिंह आदि मौजूद थे.

Posted by : Thakur Shaktilochan

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