Bihar Chunav 2020 : बिहार में चुनावी समर में आयोग के लिए वोटों के ठेकेदारों की सक्रिय भूमिका सरदर्द बन गया है. प्रशासन ने इसके लेकर अलर्ट जारी किया है. दरअसल, खुफिया एजेंसियों को मिले एक इनपुट से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है. सूचना है कि चुनावी फिजा खराब करने के लिए अमन के दुश्मन छोटी-छोटी बातों को तूल देने की फिराक में हैं.
गौरतलब है कि चुनाव आते ही आपराधिक प्रवृत्ति को लोग सक्रिय हो जाते हैं. ये दबंगई के बल पर चुनाव और मतदाता को प्रभावित करने का ठेका तक लेते हैं. अपने फायदे के हिसाब से घटनाओं को तूल देने या उन्हें शांत करने के लिए इनका पूरा गैंग सक्रिय रहता है. गैंग में वह हर गांव-बस्ती के उन लोगों को शामिल करते हैं, जो असामाजिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं.
दे सकते हैं जातीय व सांप्रदायिक तूल– खुफिया सूत्रों की मानें तो उम्मीदवार व उनके समर्थक चुनाव में फतह हासिल करने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हैं. असामाजिक तत्व चुनाव में आमतौर पर होने वाली सामान्य घटनाओं को जातीय व सांप्रदायिक तूल दे सकते हैं. बैकुंठपुर में जातीय हिंसा तो बरौली में सांप्रदायिक तनाव की संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है. कुचायकोट में दो बाहुबलियों के टकराव के कारण यहां भी टकराव की संभावना जतायी गयी है. गोपालगंज में भी जातीय टकराव की आशंका जतायी गयी है.
शराब तस्करों पर फोकस का निर्देश- चुनाव के दौरान यूपी के सीमावर्ती क्षेत्र में कच्ची शराब की भट्ठियां सुलग उठती हैं. इसके अलावा शराब तस्करों की पूरी टीम सक्रिय हो गयी है. ऐसे में बिहार व यूपी के वरीय अधिकारियों की पूरी टीम शराब तस्करी को रोकने में जुटी है. तस्कर ग्रामीण इलाके के रास्तों को अपना कर अपनी खेप पहुंचाने में जुटे हैं. बॉर्डर इलाके के बेरोजगार युवकों को शामिल कर तस्करी को आसानी से अंजाम दे रहे हैं.
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Posted By : Avinish kumar mishra