अनुराग शरण, सासाराम : बिहार विधानसभा चुनाव में एक प्रत्याशी को चुनाव के दौरान 28 लाख रुपये खर्च करने हैं. जिले में सात विधानसभा क्षेत्र हैं. अगर, एक सीट पर सिर्फ दो प्रत्याशी के ही खर्च का हिसाब देखा जाये, तो करीब चार करोड़ रुपये सातों विधानसभा क्षेत्र में खर्च होंगे.
इस चुनाव में जिले में कुल 2182675 मतदाता हैं. ऐसे में एक मतदाता पर प्रत्याशी का करीब 18.32 रुपये खर्च बैठेगा. 2014 लोकसभा चुनाव के आंकड़े बताते हैं कि उस समय एक मतदाता पर करीब 46.40 रुपये खर्च हुए थे, अगर उसी आंकड़े को रखा जाये, तो इस चुनाव में जिले के मतदाताओं पर करीब 10.12 करोड़ रुपये सरकार का खर्च होगा.
यानी कुल मिला कम से कम 15 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस तरह जिले के एक मतदाता पर सरकार का 46.40 रुपया और प्रत्याशी का 18.32 रुपये यानी कुल 64.72 रुपये खर्च होंगे. ऐसे में फर्जी मतदान को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने बूथ एजेंटों को एक मतदाता पर मात्र दो रुपये ही दावं लगाने का प्रावधान रखा है.
चुनाव आयोग के नियम के अनुसार, किसी मतदान केंद्र में फर्जी मतदाता ऊपर चैलेंज करने के लिए बूथ एजेंट दो रुपये खर्च करेगा. अगर, उसका चैलेंज सही निकला, तो उसके रुपये वापस होंगे और फर्जी मतदाता तत्काल पुलिस के सुपुर्द होगा.
यदि उसका चैलेंज गलत निकला, तो उसके दो रुपये सरकार जब्त कर लेगी. हालांकि, इवीएम से मतदान, फोटो युक्त मतदाता पहचान पत्र व मतदाता सूची होने से फर्जी मतदान पर बहुत हद तक रोक लगी है.
इसके बावजूद इसके बूथों पर प्रत्याशियों के एजेंटों को कुछ रुपये पॉकेट में लेकर बैठने होंगे. तभी वह फर्जी मतदाता पर चैलेंज कर सकेगा. क्योंकि फर्जी मतदाता पर चैलेंज करने के लिए उसे तत्काल ही पीठासीन पदाधिकारी से दो रुपये की पर्ची कटानी होगी.
posted by ashish jha