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Bihar Election 2020: बिहार के दोनों गठबंधनों में अभी तक सीन क्लियर नहीं, जंग के एलान के बाद अब योद्धा होंगे तैयार…

पटना: विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गयी. तीन चरणों में मतदान होगा. छह दिन बाद एक अक्तूबर से नामांकन का पर्चा दाखिल होने लगेगा. बिहार की सत्ता के दावेदार दो बड़े गठबंधन एनडीए और महागठबंधन के रणनीतिकारों ने अंदर- ही- अंदर जो युद्ध और योद्धाओं का समीकरण तय कर लिया हो पर, मतदाताओं के सामने अभी तक दोनों गठबंधन की तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हुई है. एनडीए में लोजपा को झोल अभी बना हुआ है. लोजपा और जदयू की तनातनी से एनडीए की सीटों के बंटवारे का फैसला सुलझ नहीं पाया है. लोजपा के तेवर जिस तरह से कड़े दिख रहे हैं, उससे यह स्पष्ट होने लगा है कि वह एनडीए से बाहर होगी. ऐसी स्थिति में एनडीए में दो पुराने दोस्त जदयू और भाजपा के साथ जीतन राम मांझी की पार्टी हम होगी.

पटना: विधानसभा चुनाव की घोषणा हो गयी. तीन चरणों में मतदान होगा. छह दिन बाद एक अक्तूबर से नामांकन का पर्चा दाखिल होने लगेगा. बिहार की सत्ता के दावेदार दो बड़े गठबंधन एनडीए और महागठबंधन के रणनीतिकारों ने अंदर- ही- अंदर जो युद्ध और योद्धाओं का समीकरण तय कर लिया हो पर, मतदाताओं के सामने अभी तक दोनों गठबंधन की तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हुई है. एनडीए में लोजपा को झोल अभी बना हुआ है. लोजपा और जदयू की तनातनी से एनडीए की सीटों के बंटवारे का फैसला सुलझ नहीं पाया है. लोजपा के तेवर जिस तरह से कड़े दिख रहे हैं, उससे यह स्पष्ट होने लगा है कि वह एनडीए से बाहर होगी. ऐसी स्थिति में एनडीए में दो पुराने दोस्त जदयू और भाजपा के साथ जीतन राम मांझी की पार्टी हम होगी.

महागठबंधन में अब तक सीन क्लीयर नहीं

महागठबंधन में उपेंद्र कुशवाहा के बाहर आने के बाद अब तक सीन क्लीयर नहीं हो पाया है. राजद और कांग्रेस दो बड़ी पार्टियों के साथ वाम दलों के भी आने की सूचना है. पर इन सब दलों के भीतर अब तक सीटों का पेच नहीं सुलझ पाया है. अब तक की स्थिति के अनुसार राजद के साथ कांग्रेस, वाम दल के भकपा और माकपा आ सकती है, पर कौन पार्टी कितने सीटों पर लड़ेगी, यह तय नहीं है.

तीसरा मोर्चा भी मैदान में

तीसरे माेर्चे ने भी विधानसभा चुनाव में दस्तक दी है. रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के रास्ते अभी तय नहीं हो पाये हैं. उनकी नजर लोजपा के एनडीए से अलग होने की स्थिति में चिराग पासवान के साथ जाने की भी है. वहीं पार्टी सूत्र एनडीए में वापसी की संभावना से भी इन्कार नहीं कर रहे.

यशवंत सिन्हा भी मैदान में

पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के साथ कई पुराने नेताओं की टोली है, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, रेणु कुशवाहा, पूर्व सांसद अरुण कुमार जैसे नेता हैं. हैदराबाद के सांसद असुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम ने समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक के साथ तालमेल किया है. समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक के अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव हैं. इन दोनों नेताओं की बिहार में राजद के माय समीकरण के इतर इसी तरह के एक नये समीकरण गढ़ने की योजना है.

अलग जा सकता है भाकपा- माले

वाम दलों में हाल के दिनों में उबसे उर्वर भाकपा माले महाठबंधन के फॉर्मूले से संतुष्ट नहीं है. उसे कम से कम पचास सीटों की दरकार है, जबकि महागठबंधन के सबसे बड़ घटक राजद इसके लिए तैयार नहीं है. इनके अलावा दर्जन भर छोटी- छोटी पार्टियां भी मैदान में ताल ठोक कर खड़ी हैं.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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