पटना: कांग्रेस पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव के पहले महागठबंधन में सीटों को लेकर स्थिति साफ कर लेना चाहती है. इस बार पार्टी 2015 विधानसभा चुनाव से अलग 2020 में महागठबंधन की सीटों में अधिक भागीदारी मांग रही है. पार्टी का मानना है कि इस चुनाव में जदयू महागठबंधन के बाहर है. ऐसे में 2015 के विधानसभा में जदयू के खाते में गयी 101 विधानसभा सीटों में अधिक सीटें कांग्रेस के हिस्से में आनी चाहिए.
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में राजद के हिस्से में पिछले विधानसभा चुनाव में 101 और कांग्रेस के हिस्से में 41 सीटें मिली थीं. ऐसे में कांग्रेस 141 सीटों को छोड़कर शेष 102 सीटों के बंटवारा सम्मानजनक तरीके से पाने की पक्षधर है. बड़ी पार्टी होने के नाते राजद को कांग्रेस की भावनाओं का ख्याल रखना है. पार्टी नेताओं का मानना है कि सीटों का बंटवारा एकतरफा नहीं होना चाहिए.
हालांकि, कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता सदानंद सिंह का मानना है कि कांग्रेस वहीं सीटें मांग रही है, जिस सीट पर पार्टी के प्रत्याशी जीत दर्ज करा सकते हैं. उन्हीं सीटों पर पार्टी दावा कर रही है. चाहे वह सीटें भाजपा द्वारा जीती गयी हों या जदयू के खाते की हो. कांग्रेस के लिए सीटों के बंटवारे की आधार पार्टी की जीत है.
उनका कहना है कि इसके अलावा कांग्रेस के सर्वाइवल का भी तो सवाल है. आखिर कब तक पार्टी सीटों के आकार छोटी करती रहेगी. सिमटती हुई सीटों के कारण पार्टी का अस्तित्व ही कमजोर हो जायेगा. उन्होंने बताया कि कांग्रेस की जीत वाली संभावित सीटों की सूचनाएं उन्होंने आलाकमान को भेज दी है. अब इस पर हाइकमान को ही निर्णय लेना है.
Published by : Thakur Shaktilochan Shandilya