पटना: बिहार विधानसभा की सरगर्मी के बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की टीम बिहार पहुंच चुकी है. यह टीम राज्य के हर जिले में सर्वे का काम शुरू कर चुकी है. टीम के सदस्य राजनीतिक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं जो सीधे राहुल गांधी को सौंपेंगे. यह टीम प्रदेश नेतृत्व से अलग और स्वतंत्र होकर काम कर रही है. बिहार विधानसभा चुनाव में फिलहाल कांग्रेस महागठबंधन के साथ बनी हुई है.
महागठबंधन में भी भगदड़ की स्थिति बनी हुई है. जीतन राम मांझी की हम पार्टी ने गुरुवार को महागठबंधन से नाता तोड़ लिया है. चुनाव घोषणा की अंतिम घड़ी चल रही है और महागठबंधन का स्वरूप भी तय नहीं हुआ है और नहीं अभी तक को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनी है. ऐसी स्थिति में राहुल गांधी ने हर जिले में टीम के सदस्यों को भेजकर पार्टी की संभावनाओं की तलाश शुरू कर दी है.
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चुनाव के पूर्व यह एक ठोस कवायद की जा रही है जिसके आधार पर कांग्रेस राजद के साथ सीटों की तालमेल करेगी. प्रदेश स्तर पर संगठन की लचर व्यवस्था को देखते हुए आलाकमान ने स्वतंत्र रूप से सर्वे का काम शुरू कर दिया है. जानकारों का कहना है कि यह पहले दौर का सर्वे कराया जा रहा है जिसमें प्रोफेशनल लोगों को भी लगाया गया है.
महागठबंधन के सहयोगी दल रालोसपा ने जीतन राम मांझी के निर्णय को गलत ठहराया है. रालोसपा के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि महागठबंधन एक परिवार की तरह है. किसी सदस्य का जाना दुखद है. हम का महागठबंधन से अलग होना सही निर्णय नहीं है. चुनाव से पहले एनडीए की विचारधारा के विपरीत सोच रखने वाले कई दलों को महागठबंधन में शामिल किया जायेगा. हम के चले जाने से जो भी नुकसान होगा उसकी भरपाई चुनाव से पहले कर ली जायेगी. महागठबंधन जनहित से जुड़े मुद्दों को उठाता रहा है . चुनाव में पढ़ाई , कमाई, दवाई, सिंचाई, कार्रवाई और सुनवाई अहम मुद्दे होंगे.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya