अनिकेत त्रिवेदी, पटना : जब दुश्मनी थी तो आमने-सामने खड़े थे़ कहीं जीत दर्ज की, तो कही दूसरे नंबर पर रहे, लेकिन जब दोस्ती हो गयी, तो बड़ा सवाल है कि उन सीटों पर कौन लड़ेगा? इस गणित को सुलझाना बड़ा मुश्किल होगा़ 2015 के विधानसभा चुनाव का परिणाम कुछ इसी तरह था. जहां कई सीटों पर भाजपा-जदयू के अलावा जदयू और लोजपा, हम और जदयू, रालोसपा और राजद ने एक दूसरे को टक्कर दी थी. ये पार्टियां जीत दर्ज करने के अलावा दूसरे नंबर पर रही थीं, लेकिन इस बार के चुनाव में गठबंधन बदल कर अब ये साथ हो गये हैं. रालोसपा एनडीए से निकल राजद के साथ खड़ी है. जदयू एनडीए की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी है. इस तरह का मामला भाजपा और जदयू की 52 सीटों के अलावा अन्य पार्टियों की 46 सीटों पर है़ ऐसे में कौन सीट किस पार्टी के खाते में जायेगी या क्या सीट बंटवारे को लेकर विवाद फंस जायेगा?
पिछले चुनावी परिणाम में 21 सीटों पर जदयू व लोजपा के बीच आमना-सामना हुआ था़ अधिकतर सीटों पर जदयू ने अपना कब्जा जमाया. कुछ सीटों पर लोजपा को कम वोटों से हार का सामना करना पड़ा, जबकि सिर्फ लालगंज की सीट पर लोजपा को जीत मिली थी़ ऐसे में बेलसंड, बाबूबरही, त्रिवेणीगंज, ठाकुरगंज, आलमनगर, सोनबरसा, सिमरी बख्तियारपुर, कुशेश्वर स्थान, गौरा-बौराम, कचईकोट, बरहरिया, लालगंज, कल्याणपुर, वारिसनगर, चेरी, बरियारपुर, बेल्दौर, नाथनगर, जमालपुर, आस्थावन, हरनौथ और रफीगंज की सीटों के बंटवारे पर दावेदारी का मामला फंस सकता है़
14 सीटों पर राजद और रालोसपा के अलावा रालोसपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था़ अधिकतर सीटें रालोसपा हार गयी़ इस दौरान अधिकतर सीटों पर राजद व कुछ सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया़ पिछले चुनाव में रालोसपा भाजपा वाले गठबंधन के साथ थी, लेकिन इस बार राजद वाले गठबंधन में है, तो ऐसे में इस सीटों के बंटवारे पर भी पेच फंस सकता है़
2015 विधानसभा चुनाव के परिणाम के आंकड़ों को देखें , तो करीब 52 सीटें ऐसी रही हैं, जहां दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला हुआ था़ 22 सीटें तो ऐसी रही हैं कि जहां एक दूसरे के बीच जीत का अंतर दस हजार के भी कम का रहा है़ इनमें 24 सीटों पर बीजेपी और 28 सीटों पर जदयू ने जीत दर्ज की थी.वहीं, हम और जदयू के बीच भी पिछले विस चुनाव में 12 सीटों पर आमना-सामना हुआ. इनमें से इमामगंज को छोड़ कर बाकी सभी सीटों पर जदयू ने जीत दर्ज की थी. कई सीटों पर के बीच जीत का अंतर दस हजार से कम रहा था और कई जगहों पर और काफी कम था़ ऐसे में शिवहर, सिघेंश्वर, हथुआ, खगड़िया, तारापुर, शेखपुरा, फुलवारी, घोसी, शेरघाटी, टिकारी, इमामगंज की सीटों पर मामला फंस सकता है़
posted by ashish jha