समस्तीपुर: हसनपुर विधानसभा क्षेत्र में राजद लालू प्रसाद के बड़े पुत्र व पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव की अचानक एंट्री ने इस सीट को खास बना दिया है. तेज प्रताप यादव पिछले विधानसभा चुनाव में वैशाली जिले की महुआ सीट से जीते थे. राजद नेतृत्व उनके लिए हसनपुर को पटना तक पहुंचने के लिए सुरक्षित रास्ता मान रहा है.
इसकी वजह यह भी है कि हसनपुर में उसी वोट बैंक का अच्छा खासा जनाधार है, जिसके बल पर राजद की राजनीति की गाड़ी आगे बढ़ती रही है. इतिहास देखें तो इस सीट पर 1967 के बाद से हमेशा यादव जाति का ही झंडा बुलंद रहा है. अकेले गजेंद्र प्रसाद हिमांशु ने आठ बार इस सीट से विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया है. हिमांशु स्थानीय हैं और समाजवादी धारा के प्रतिबद्ध नेता रहे हैं. 2010 के नये परिसीमन के बाद इस सीट पर लगातार दो बार से जदयू अपना जीत सुनिश्चित कर रही है. इस सीट से जदयू के राजकुमार राय दो बार जीते हैं. ये भी यादव जाति से ही आते हैं.
तेज प्रताप के आगमन से हसनपुर में दो चीजें साफ हैं. पहला, क्षेत्र में जातीय ध्रुवीकरण तेज हो गया है. दूसरा, राजद के टिकट की दावेदारी रखने वाले स्थानीय नेताओं में निराशा छाने लगी है. राजद की तरफ गोलबंदी है, तो बदले में दूसरी तरफ भी गोलबंदी हो रही है. तेज प्रताप क्षेत्र के विकास, रोसड़ा को जिला बनाने तथा हसनपुर में डिग्री कॉलेज की सौगात देने का भी वादा कर चुके हैं.
हसनपुर विधानसभा क्षेत्र की खेती योग्य भूमि में जलजमाव सबसे बड़ी समस्या है. क्षेत्र की 60 फीसद खेती योग्य भूमि पर जलजमाव रहता है. जलनिकासी की कोई व्यवस्था नहीं है. क्षेत्र की अधिकतर आबादी खेती पर ही निर्भर है. क्षेत्र की सभी प्रमुख सड़कें पूरी तरह जर्जर हैं. एक भी डिग्री कॉलेज नहीं होने से बच्चे बच्चियों को आगे की पढ़ाई करने में परेशानी होती है. उन्हें डिग्री स्तर की शिक्षा ग्रहण करने के लिये बाहर जाना पड़ता है. हसनपुर रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव नहीं होने से लोगों को बहुत परेशानी होती है. सिंघिया में करेह नदी का उत्तरी पूर्वी तटबंध पूरी तरह जर्जर हो चुका है.
इस सीट से जदयू उम्मीदवार के रूप में जदयू के वर्तमान विधायक राजकुमार राय प्रबलतम दावेदार है. इसके अलावा जदयू से रामनारायण मंडल, पूर्व मंत्री गजेंद्र प्रसाद हिमांशु के पुत्र चक्रपाणि हिमांशु भी दावेदार हैं. राजद से तेज प्रताप यादव चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं. वैसे पहले से राजद के टिकट की दोवदारी माला पुष्पम, ललितेश्वर यादव, विभा देवी, शंभू भूषण यादव, कुमोद रंजन भी कर रहे थे. कांग्रेस अगर अकेले चुनाव लड़ती है तो बज्रेश यादव अपनी दावेदारी पेश करेंगे. जाप के टिकट की दोवदारी अर्जुन यादव कर रहे हैं.
वर्ष – कौन जीत -दल – कौन हारे – दल
2015 – राजकुमार राय- जदयू – विनोद चौधरी- आरएलएसपी
2010 – राजकुमार राय – जदयू – सुनील कुमार पुष्पम – आरजेडी
2005 -अक्तूबर – सुनील कुमार पुष्पम- आरजेडी – रामनारायण मंडल- एलजेपी
2005 – फरवरी – सुनील कुमार पुष्पम – आरजेडी- रामनारायण मंडल- एलजेपी
2000 – गजेंद्र प्रसाद हिमांशु – जदयू – राजेंद्र यादव – आरजेडी
1995 – सुनील कुमार पुष्पम – जेडी – राजेंद्र प्रसाद यादव- आइएनडी
1990 – गजेंद्र प्रसाद हिमांशु -जेडी- राजेंद्र प्रसाद यादव- आइएनसी
1985 – राजेंद्र प्रसाद यादव – आइएनसी – गजेंद्र प्रसाद हिमांशु – आइएनडी
1980 – गजेंद्र प्रसाद हिमांशु – जेएनपी(एससी)- प्रयाचंद्र मुखिया- सीपीआइ
1977 – गजेंद्र प्रसाद हिमांशु – जेएनपी- सत्यनारायण यादव- आइएनसी
1972 – गजेंद्र प्रसाद हिमांशु – एसओपी – राजेंद्र यादव – आइएनसी
1969 – गजेंद्र प्रसाद हिमांशु – एसएसपी – साधु शरण प्रसाद यादव-आइएनसी
1967 – गजेंद्र प्रसाद हिमांशु – एएसएसपी – एम राउत – आइएनसी
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya