पटना : बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 16 जिलों की 71 विधानसभा सीटों के लिए नामांकन एक दिन पहले से शुरू हो चुका है. चुनावी गहमागहमी के बीच जीत के दावे किए जा रहे हैं. सभी को जीत का भरोसा है. कोई भी दूसरे से पीछे नहीं करना चाहता है. खास बात यह है कि चुनावी सरगर्मी के बीच सियासी समीकरण बड़े मायने रखते हैं. सियासी समीकरण के जरिए ही चुनावों में हार-जीत होती है. आज बात करते हैं एक ऐसी पार्टी की, जिसने पिछले दो चुनावों में जिस दल का हाथ थामा उसकी जीत हुई.
Also Read: Bihar vidhan sabha chunav 2020 : महागठबंधन में सीट बंटवारा फाइनल ! RJD, CONGRESS और लेफ्ट कितनी सीट पर लड़ेंगी चुनाव
बिहार में जनता दल यूनाईटेड मतलब जेडीयू. एक ऐसी पार्टी, जिसने जिस दल के हाथ को थामा उसे सफलता मिली. जदयू के गठबंधन का कमाल कहिए या शानदार नेतृत्व, खुद को पार्टी करीब-करीब 80 फीसदी सीट पर जीत दिलाती रही है. उसके सहयोगियों को भी तकरीबन 90 प्रतिशत सीटों पर जीत मिलती है. 2010 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन रहा. उस चुनाव में बीजेपी को 89 फीसदी सीटों पर जीत हासिल हुई. जबकि, जेडीयू ने खुद 81 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की.
अगर 2015 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो पार्टी ने राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन किया था. 2015 के चुनाव में बीजेपी की जीत का प्रतिशत घटकर 33.75 फीसदी रह गया था. इसी तरह बिना जदयू के 2010 में राजद के जीत का प्रतिशत 13 फीसदी था. जबकि, जदयू का साथ मिलते ही राजद के जीत का प्रतिशत बढ़कर 79.29 हो गया. गठबंधन में जदयू ने भी 70 फीसद सीटों पर जीत दर्ज की थी.
Also Read: बिहार विधानसभा चुनाव 2020: गांधी जयंती के दिन सोनिया गांधी के कार्यक्रम का शंखनाद, जानें चंपारण से चुनावी बिगुल फूंकने के क्या हैं मायने…
2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद और कांग्रेस के बीच गठबंधन बना. इसमें गठबंधन को फायदा भी खूब हुआ. जदयू 101 सीटों पर चुनाव लड़ी और 71 सीट जीतने में सफल हुई. गठबंधन के दूसरे बड़े दल राजद का प्रदर्शन तो और बेहतर रहा था. राजद ने 101 में 80 सीटें जीतीं. जीत की जद्दोजहद में उलझी कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. उसके 41 में से 27 प्रत्याशी (65 फीसदी) को जीत मिली.
Posted : Abhishek.