पटना : प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर चंद महीने ही बचे हुए हैं.ऐसे में हर पार्टी चुनाव की तैयारी में जुट गयी है. जदयू 18 जुलाई से वर्चुअल सम्मेलन करने जा रहा है. भाजपा सामाजिक समीकरण का ध्यान रखते हुए एमएलसी बना कर विधानसभा चुनाव में वोट बटोरना चाहती है. कांग्रेस ने जिला प्रभारियों को टास्क सौंप दिया है.
क्षेत्रों में वर्चुअल सम्मेलन
पटना. आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए जदयू ने जोर-शोर से अपना अभियान शुरू कर दिया है. पार्टी 18 जुलाई से प्रतिदिन चार विधानसभा क्षेत्रों में सुबह 10 बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक वर्चुअल सम्मेलन करेगी. यह सम्मेलन दो अगस्त तक चलेगा. इसके लिए पार्टी नेताओं की चार टीमें बनायी गयी हैं. 18 जुलाई को पहली टीम फेसबुक के माध्यम से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह के नेतृत्व में वाल्मीकिनगर, लौरिया, बेतिया और नरकटियागंज विधानसभा क्षेत्रों के वर्चुअल सम्मेलन करेगी. इस टीम में संतोष निराला, चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, नीरज कुमार और अभय कुशवाहा शामिल हैं.
दूसरी टीम 18 जुलाई को ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह के नेतृत्व में बक्सर, डुमरांव, राजपुर और रामगढ़ विधानसभा क्षेत्रों वर्चुअल सम्मेलन करेगी. इस टीम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, अशोक चौधरी, शैलेश कुमार, रामसेवक सिंह और मो युनुस हुसैन हकीम शामिल होंगे. इसी तरह पार्टी की तीसरी टीम ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव के नेतृत्व में बहादुरगंज, ठाकुरगंज, किशनगंज और अमौर विधानसभा क्षेत्रों के वर्चुअल सम्मेलन करेगी. इस टीम में संजय कुमार झा, रमेश ऋषिदेव, लक्ष्मेश्वर राय, तनवीर अख्तर और प्रो सुहेली मेहता शामिल हैं. वहीं , पार्टी की चौथी टीम लोकसभा में पार्टी संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ के नेतृत्व में तारापुर, मुंगेर, लखीसराय और बरबीघा विधानसभा क्षेत्र के वर्चुअल सम्मेलन करेगी. इस टीम में महेश्वर हजारी, मदन सहनी, कहकशां परवीन और उमेश कुशवाहा शामिल होंगे.
पटना. विधान परिषद में राज्यपाल कोटे से मनोनीत होने वाली 12 सीटों का फैसला अटका हुआ है. इसमें भाजपा को पांच या छह सीटें मिलने की संभावना है. भाजपा की सीटें बढ़ना इस बात पर निर्भर करता है कि लोजपा को एक सीट मिलती है या नहीं. पार्टी इन मनोनीत सीटों पर जिन्हें एमएलसी बनाकर भेजेगी, उसमें मुख्य रूप से तीन बातों का ध्यान रखा जायेगा. एक, सामाजिक समीकरण ताकि इसका फायदा विधानसभा चुनाव में भी मिल सके. दूसरा, इस बार लोकसभा चुनाव में गठबंधन के कारण जिन कुछ महत्वपूर्ण लोगों को सीटें गंवानी पड़ीं, उन्हें एडजस्ट करने का और तीसरा, कुछ पुराने कार्यकर्ताओं का, जो चुनाव के ऐन मौके पर नाराज होकर कोई समस्या नहीं खड़ी कर दें. भाजपा की अंदरूनी कवायद इस बात को लेकर तेजी से चल रही है कि वे ऐसे किसी उम्मीदवारों का चयन किया जाये, जिससे तीनों शर्तें पूरी हो जायें.
एमएलसी बनाने में दो अनुसूचित जाति, एक पिछड़ा और दो सवर्ण समुदाय के लोगों के चयन पर लगभग अंतिम सहमति बन गयी है. जिन दो सवर्ण जाति के लोगों को भेजा जाना है, उसमें एक उम्मीदवार राजपूत समुदाय का होगा. फिलहाल इस समुदाय के दो उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा तेज है. इसमें अगर अगर एक उम्मीदवार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, तो दूसरे का जाना तय है. एक सवर्ण में भूमिहार या ब्राह्मण समाज में से किसी एक समुदाय के नेता हो सकते हैं. फिलहाल इस मामले पर विचार किया जा रहा है.
बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी की चुनाव समिति में लिये गये निर्णय के अनुसार रविवार को सभी जिलों के पार्टी प्रभारी नियुक्त कर दिये गये. पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने सह प्रभारी वीरेंद्र सिंह राठौर एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाॅ मदन मोहन झा से विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया गया. इसके बाद जिलों के प्रभारी को निर्देश दिया गया है कि अपने प्रभार के जिलों में भ्रमण के दौरान जिला मुख्यालय में प्रेस वार्ता करना है़, जिसमें केंद्र सरकार एवं बिहार की सरकार की नाकामी, प्रवासी मजदूरों की परेशानी, किसान, शिक्षा, रोजगार, कानून व्यवस्था व करोना के इस संक्रमण में अस्पतालों की लचर व्यवस्था जैसे स्थानीय मुद्दों पर एवं लद्दाख के गलवन क्षेत्र में शहीद हुए जवानों की शहादत पर केंद्र सरकार की विफलता पर हमला करना है.