पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन और वाम दलों का तालमेल होना है. इसको लेकर कई चरणों में वार्ता हो चुकी हैं. इसके बावजूद अब तक भाकपा, माकपा और माले को महागठबंधन कोटे में कितनी सीटें मिलेंगी इस पर सहमति नहीं बन पायी है. वहीं, हाल की अंतिम बैठकों में भाकपा तीन, भाकपा छह व माले को 12 सीटें देने को लेकर सहमति बन रही है, जिसके बाद भाकपा और माकपा में काफी विरोध है. माकपा राज्य कमेटी में बैठक के लिए केंद्रीय नेताओं को बुलाया गया है.
महागठबंधन और माकपा में तालमेल होने पर छह सीटें मिलने की उम्मीद है, लेकिन पार्टी की ओर से आठ सीटों का डिमांड किया गया है. वहीं, छह सीटों की बात करें, तो इन सभी सीटों पर एक ही जाति के अधिकतर उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने का मौका मिल सकता है. इसको लेकर पार्टी में अंदरूनी गतिरोध शुरू हो गया है. जानकारी के मुताबिक प्रभारी राज्य सचिव रामनरेश पांडे को हरलाखी से टिकट देने पर सहमति महागठबंधन में भी हो गयी है.
महागठबंधन में माकपा को तीन सीटें मिलने की उम्मीद है, जिसमें से लोकहा रामपरी देवी और मांझी सत्येंद्र यादव के लिए मांगी गयी है. अगर इन दोनों सीटों पर सहमति नहीं बनी, तो मामला बिगड़ सकता है और तालमेल प्रभावित हो सकता है.
माले को 12 सीटें मिलने की उम्मीद है. जिनमें से माले की वह तीनों सीटें शामिल हैं, जो पहले से माले की हैं. वहीं, बाकी नौ सीटों पर कहां से कौन उम्मीदवार होंगे, उनका नाम मांगा गया है. इसके बाद यह तय होगा कि माले को उनकी पसंद से सीटें दी जायें या नहीं.
हम महागठबंधन के साथ हैं. वाम दलों में सीट को लेकर आपस में कभी कोई विवाद नहीं होता है. प्रभारी सचिव, राम नरेश पांडेय, भाकपा.
सीट शेयरिंग को लेकर वार्ता जारी है और अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. अवधेश कुमार, राज्य सचिव, माकपा.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya