Bihar Assembly Election 2020 बिहार चुनाव में सीएम पद की उम्मीदवार के रूप में एंट्री मारने वाली प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी को महिलाओं का साथ नहीं मिल रहा है. दरअसल, पुष्पम प्रिया चौधरी ने बिहार चुनाव के पहले ‘आधी आबादी को पूरी भागीदारी’ थीम पर महिलाओं को 50 फीसदी सीट देने की बात कही थी. अब, चुनाव में प्लूरल्स पार्टी को महिला कैंडिडेट्स का साथ नहीं मिल रहा है. इस बात की जानकारी खुद प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने दी है.
लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया चौधरी ‘सबका शासन’ की तर्ज पर बिहार के विधानसभा चुनाव में उतरी हैं. पुष्पम प्रिया चौधरी और उनकी पार्टी ने दावा किया था कि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा जाएगा. जबकि, दूसरे चरण की लिस्ट में पार्टी 50 प्रतिशत महिलाओं की भागादारी सुनिश्चित नहीं कर सकी है. इसका कारण महिला कैंडिडेट्स का पार्टी से नहीं जुड़ना बताया जाता है. इसके चलते प्लूरल्स पार्टी खुद के दावे के मुताबिक ‘आधी आबादी को पूरी भागीदारी’ देने में असफल हो रही है. पुष्पम प्रिया चौधरी के मुताबिक महिला कैंडिडेट्स की कमी की भरपाई की जाएगी.
प्लुरल्स पोल कमिटी की अनुशंसा पर बिहार चुनाव के दूसरे चरण के प्रत्याशियों की दूसरी सूची। कमिटी ने खेद व्यक्त किया है कि महिला आवेदकों की कमी से सूची में वे 50% स्त्री प्रत्याशी सिद्धांत का पालन नहीं कर पाए और इसकी भरपाई की जाएगी। सभी चयनित उम्मीदवारों को शुभकामनाएँ। #सबकाशासन pic.twitter.com/EeY3kwyyUp
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) October 12, 2020
बड़ी बात यह है कि पुष्पम प्रिया चौधरी के लिए मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले चरण के नामांकन प्रक्रिया के दौरान पार्टी को बड़ा झटका लगा था. नामांकन पत्रों की जांच के दौरान प्लूरल्स के 61 में से 28 कैंडिडेट्स का नामांकन अवैध घोषित किया गया था. बिहार चुनाव में उतरी प्लूरल्स पार्टी तरह-तरह के अभियान से मतदाताओं के पास पहुंच रही है. खुद पुष्पम प्रिया चौधरी ‘बिहार का खोंयछा’ कैंपेन के जरिए मिथिला स्टाइल में लोगों से मुलाकात कर रही हैं. हालांकि, जिस तरह से पार्टी ने महिलाओं को टिकट में भागीदारी देने की बात कही थी, उसमें पार्टी को निराशा ही हाथ लग रही है.
Posted : Abhishek.