अनिकेत त्रिवेदी . पटना : बक्सर लोकसभा क्षेत्र में विधानसभा की कुल छह सीटें आती हैं. बक्सर जिले से बक्सर, ब्रह्मपुर, डुमरांव और राजपुर विधानसभा के अलावा कैमूर जिले का रामगढ़ और रोहतास जिले का दिनारा विधानसभा क्षेत्र भी बक्सर लोकसभा क्षेत्र में ही आता है़ वैसे तो लोकसभा सीट पर कई बार से भाजपा का कब्जा रहा है, लेकिन इन छह विधानसभा क्षेत्रों में बीते कई चुनावों से जदयू का ही दबदबा रहा है़
2010 और 2015 के विधानसभा चुनावों में कुल तीन सीटें डुमरांव, राजपुर व दिनारा पर जदयू ने बाजी मारी थी, जबकि भाजपा और राजद का एक-एक सीट पर. 2015 के चुनाव में महागठबंधन को छह में से चार सीटें मिलीं थी़ं वहीं आजादी के बाद काफी लंबे समय तक कभी कांग्रेस के गढ़ रहे बक्सर विधानसभा पर काफी समय दोबारा कांग्रेस ने कब्जा जमाया था़ 2010 में भाजपा को बक्सर व ब्रह्मपुर की सीटों पर विजय मिली थी, लेकिन 2015 के चुनाव में बक्सर की सीट पर कांग्रेस से संजय तिवारी कब्जा जमा लिया़
पिछली बार भाजपा ने कई सीटों पर अच्छी टक्कर दी थी, लेकिन उसे मात्र एक सीट से ही संतोष करना पड़ा़ वहीं, जदयू के चुनावी परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ा़ डुमरांव से जदयू की सीट पर डाॅ दाउद अली के बदले ददन पहलवान ने जीत हासिल की़ वहीं, जदयू ने राजपुर व दिनारा में अपने उम्मीदवार नहीं बदले़ दोनों सीटों पर राजपुर से जदयू के संतोष कुमार निराला व दिनारा से जय कुमार सिंह ने दोबारा जीत हासिल की़
इसके अलावा राजद के लिए ओवरऑल चुनावी परिणाम एक जैसे रहे़ राजद को 2010 में मात्र एक सीट रामगढ़ से जीत मिली थी़ 2015 में राजद के खाते में मात्र एक सीट ब्रह्मपुर विधानसभा की मिली़ यहां से राजद के शंभुनाथ यादव ने जीत दर्ज की. कुल मिलाकर सीटों के लिहाज से विभिन्न पार्टियों के 2010 व 2015 का चुनाव परिणाम एक जैसा रहा है़
अब बदल सकता है बक्सर का गणित : इस बार इन सीटों पर चुनावी गणित बदल जाने की संभावना है़ एनडीए में जदयू के साथ आने पर भाजपा व जदयू को सीट बंटवारे को लेकर काफी मशक्कत करनी होगी क्योंकि 2015 में यहां की अधिकतर सीटें जदयू के पाले में गयी थी़ं जदयू ने उन पर जीत भी हासिल की है़ वहीं, ब्रह्मपुर से भाजपा के विवेक ठाकुर, बक्सर से प्रदीप दूबे, राजपुर से विश्वनाथ राम, दिनारा से राजेंद्र प्रसाद सिंह दूसरे नंबर पर रहे थे़
बक्सर में जीत का अंतर मात्र दस हजार एक सौ 80 वोटों का था़ दिनारा में मात्र दो हजार छह सौ 91 वोट से बीजेपी उम्मीदवार पीछे रहे थे़ ऐसे में भाजपा भी अधिक सीटों की कोशिश करेगी़
वर्ष 2015 के परिणाम
कुल सीटें छह
जदयू तीन
राजद एक
कांग्रेस एक
बीजेपी एक
वर्ष 2010 के परिणाम
कुल सीटें छह
जदयू तीन
भाजपा दो
राजद एक
posted by ashish jha