राणा गौरी शंकर, मुंगेर: जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण में 28 अक्तूबर को मतदान होना है और इसके लिए नामांकन जारी है. इधर जिले के मुंगेर, जमालपुर एवं तारापुर विधानसभा क्षेत्रों में महागठबंधन एवं एनडीए के टिकट से वंचित बागी उम्मीदवारों ने कमर कस ली है. जो चुनाव में दोनों घटक दलों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं. इन दोनों घटक दलों के टिकट से नाराज बागी प्रत्याशी लोजपा, रालोसपा एवं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतर रहे हैं.
मुंगेर विधानसभा क्षेत्र में जहां एनडीए के उम्मीदवार भाजपा के प्रणव कुमार यादव बनाये गये हैं. वहीं राष्ट्रीय जनता दल से अपने वर्तमान विधायक विजय कुमार विजय का टिकट काटकर युवा चेहरा अविनाश कुमार विद्यार्थी उर्फ मुकेश यादव को उम्मीदवार बनाया है. इस सीट से दो बागी उम्मीदवार मैदान में उतर रहे हैं. जनता दल यू से टिकट नहीं मिलने और यह सीट भाजपा के खाते में जाने के बाद मुख्य रूप से दो प्रत्याशी ताल ठोक रहे है.
मुंगेर नगर निगम के मेयर रूमा राज के पति सुबोध वर्मा जहां रालोसपा के टिकट पर ताल ठोकने के लिए तैयार हैं तो दूसरी ओर वैश्य चेहरा तथा जनता दल यू महिला प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रही कंचन कुमारी गुप्ता भी चुनाव मैदान में उतर रही हैं. ये दोनों अभ्यर्थी पर्चा दाखिल करेंगे.
Also Read: बिहार विधानसभा चुनाव 2020: JDU ने लगाया अति पिछड़ों पर जोर, इन 10 विधायकों का टिकट काट 18 नये चेहरों पर लगाया दांव
इधर जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से जहां एक ओर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के तहत राज्य सरकार के मंत्री जनता दल यू के शैलेश कुमार मैदान में हैं. वहीं दूसरी ओर महागठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में गयी है और इस सीट से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है. जबकि राजद के टिकट का अभिलाषा लिए क्षेत्र भ्रमण कर रहे मुंगेर जिला परिषद के उपाध्यक्ष दुर्गेश कुमार सिंह अब जमालपुर विधानसभा क्षेत्र से लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार बने हैं.
इसी प्रकार तारापुर विधानसभा क्षेत्र में भी मुकाबला दिलचस्प होने वाला है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जहां वर्तमान विधायक डॉ मेवालाल चौधरी को पुन: अपना उम्मीदवार बनाया है और बुधवार को उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया. वहीं दूसरी ओर राष्ट्रीय जनता दल की ओर से पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने अपनी पुत्री दिव्या भारती को चुनाव मैदान में उतारा है.
जबकि तारापुर से कांग्रेस नेता अप्रवासी भारतीय राजेश कुमार मिश्रा पिछले कई वर्षों से लगातार क्षेत्र में मेहनत कर रहे थे. किंतु सीट जब कांग्रेस के बदले राजद के खाते में गयी, तो उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन किया है.
इसके साथ ही इस सीट से रालोसपा के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह भी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर रहे. इस प्रकार जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्रों में विभिन्न राजनीतिक दलों के टिकट से वंचित बागी उम्मीदवारों ने कमर कस ली है जो आने वाले समय में दोनों घटक दलों के उम्मीदवारों के लिए परेशानी का कारण बन सकते हैं.
Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya