Bihar News, NDA, Nitish kumar: विधानसभा चुनाव (Bihar Vidhan sabha chunav) के नतीजों के बाद बिहार में अब सरकार बनाने की कवायद तेज हो चुकी है. कड़ी टक्कर के बाद चुनाव में एनडीए (NDA) को मिले बहुमत के बाद से ही पार्टी के तमाम बड़े नेता एक-दूसरे मुलाकात कर रहे हैं और सरकार बनाने की ओर आगे बढ़ रहे हैं. इस बीच कयासों का बाजार गरम है कि इस बार बिहार सरकार में कौन कौन विधायक मंत्री बनेंगे. किस पार्टी के हिस्से में कितना मंत्री पद आएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM nitish kumar) ही होंगे ये तय हो चुका है और उनके शपथ ग्रहण की तैयारियां की जा रही हैं लेकिन अभी आधिकारिक तारीख का एलान नहीं हुआ है. आज जदयू की बैठक है जिसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना जाएगा. दिल्ली से भाजपा की टीम पटना आ रही है उसके बाद मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चा होगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सात विधायकों पर दो को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है, इस फॉर्मूले पर विचार हो रहा है. हालांकि, जब एनडीए के शीर्ष नेता बैठेंगे तो इस फॉर्मूले में भी बदलाव हो सकता है. नियमानुसार, बिहार में मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट में अधिकतम 36 मंत्री हो सकते हैं और इस बार एनडीए के 125 विधायक जीत कर आए हैं, जिनमें जदयू के 43 और भाजपा के 74 विधायक हैं. जबकि हम और वीआईपी के भी 4-4 विधायक हैं.
इस चुनाव में भाजपा के सबसे ज्यादा विधायक चुनकर आए हैं और मौजूदा फॉर्मूला के हिसाब से अगर हम और वीआईपी मंत्रिमंडल में शामिल हुए तो दोनों दलों से एक-एक मंत्री हो सकते हैं, जबकि जदयू से 13 तो भाजपा से 21 मंत्री बन सकते हैं. यहां यह बता दें कि हम प्रमुख जीतनराम मांझी ने मंत्री बनने से इनकार कर दिया है
वहीं राजनीतिक गलियारों में चर्चा ये भी है कि भी सरकार में जदयू और भाजपा कोटे से बराबर-बराबर मंत्री बनाये जा सकते हैं और भविष्य में मंत्रिमंडल विस्तार होने पर संख्या बल के हिसाब से घटकदलों के सदस्यों को मंत्री बनाया जा सकता है. लेकिन कुछ राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना है कि भाजपा के ऊपर अधिक मंत्री पद हासिल करने का भी विधायकों की ओर से दबाव होगा.
Posted by: Utpal kant