Bihar Vidhan sabha Election 2020: विधानसभा चुनाव के तारिखों का ऐलान होने के बाद बिहार में राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. 28 अक्टूबर से शुरू होने वाले पहले चरण के चुनाव के लिए सभी पार्टियों ने अपने-अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा करनी शुरू कर दी है. राज्य में जारी सियासी सरगर्मी के बीच हम आपको बिहार की एक रोचक किस्से के बारे में बताने जा रहे हैं. ये तो आपको पता ही है एक विधानसभा सीट से एक MLA यानि विधायक चुना जाता है पर बिहार का एक विधानसभा सीट ऐसा है जहां से कभी दो एमएलए चुने गये थें.
बता दें कि आजाद भारत में पहला विधानसभा चुनाव 1952 में हुआ था. 1952 के चुनाव में एक रोचक घटना हुई थी, बिहार के धमदाहा विधानसभा क्षेत्र जिसमें एक ही सीट से दो विधायक चुने गए थे. धमदाहा विधानसभा क्षेत्र की जोकि पूर्णिया जिले में आता है. गौरतलब है कि पहला विधानसभा चुनाव में 1952 हुआ था, उस दौरान धमदाहा और कोढ़ा संयुक्त रूप से 111-धमदाहा सह कोढ़ा विधानसभा क्षेत्र कहलाता था और यहां से एक साथ दो विधायक चुने जाते थे. 1952 में हुए चुनाव में स्व डॉ लक्ष्मी नारायण सुधांशु एवं स्व भोला पासवान शास्त्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट से विजयी हुए थे. इस क्षेत्र में कुल 87744 मतदाता थे. जिसमें भोला पासवान को 26,588 और डॉ. सुधांशु को 26,453 मिले थे.
पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का जुनून सर चढ़कर बोल रहा था. 1952 में पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 86.92 प्रतिशत मतदान हुआ था. भोला पासवान को सबसे ज्यादा वोट मिले थे. 1952 के उस चुनाव में इन दो के अलावा एक जगरूप मंडल, स्व नरसिंह ना सिंह व स्व कुमार रामप्रकाश अलग-अलग दलों के प्रत्याशी थे. जहां स्व मंडल व स्व सिंह सोस्लिस्ट पार्टी के प्रत्याशी थे.