Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020: बिहार विधानसभा चुनाव में प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष और सीएम पद की उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी ने पटना की बांकीपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. बड़ी बात यह है कि बिहार चुनाव में उतरीं पुष्पम प्रिया चौधरी वोटर्स तक पहुंचने के लिए खास अभियान चला रही हैं. पुष्पम प्रिया चौधरी ने अभियान का नाम ‘बिहार का खोंयछा’ रखा है. मिथिलांचल से ताल्लुक रखने वालीं पुष्पम प्रिया चौधरी महिला मतदाताओं से ‘खोंयछा’ मांग रही हैं.
पुष्पम प्रिया चौधरी के मुताबिक ‘खोंयछा’ अभियान काफी मायने रखता है. इसके जरिए एक मुट्ठी चावल से 150 मिलियन फूडग्रेन, एक टुकड़ा कपड़ा से 100 टेक्सटाइल पार्क और आशीर्वाद में मिले एक सिक्के से 2025 तक हर साल 8 लाख सरकारी और 80 लाख प्राइवेट जॉब्स का सृजन किया जाएगा. उनके मुताबिक 2030 तक बिहार की आर्थिक विकास दर में 300 फीसदी वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है. पुष्पम प्रिया चौधरी लगातार अपने ‘खोंयछा’ अभियान से मतदाताओं (खासकर महिलाओं) के बीच पहुंच रही हैं.
2030 तक 1 मुठ्ठी चावल से 150 मिलियन टन फ़ूडग्रेन, 1 टुकड़ा कपड़ा से 100 टेक्सटाईल पार्क, और 1 आशीर्वादी सिक्का से 2025 तक हर साल 8 लाख सरकारी और 80 लाख प्राईवेट जॉब, न्यूनतम वेतन 26000 तय। एक दशक 2020-30 में 200% की अभूतपूर्व आर्थिक विकास दर! #ChooseProgress #बिहार_का_खोंयछा pic.twitter.com/ERaFNDmUQh
— Pushpam Priya Choudhary (@pushpampc13) October 7, 2020
मिथिलांचल में ‘खोंयछा’ को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. बेटियों के घर से बाहर जाने या कहीं से घर आने पर उन्हें ‘खोंयछा’ देने की परंपरा है. माना जाता है इससे घर में सुख-समृद्धि आती है. ‘खोंयछा’ में अन्न का एक दाना और एक रुपए का सिक्का भी काफी अहम होता है. बिहार चुनाव में उतरीं पुष्पम प्रिया चौधरी ‘खोंयछा अभियान’ से मतदाताओं तक पहुंच रही हैं. जहां भी पुष्पम प्रिया चौधरी जा रही हैं वो महिलाओं से ‘खोंयछा’ लेना नहीं भूलती हैं. सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीर भी वायरल हो रही है.