पटना : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से ठीक पहले एनडीए से अलग होकर लोजपा के चुनावी रण के जाने के फैसले को लेकर अब सूबे में सियासी रंग चढ़ने लगा है. हालांकि, सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा गरम है कि लोजपा ने बिहार में एनडीए से नाता तोड़ने से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं संग कई बार मुलाकात की और अपना पक्ष रखने का प्रयास किया. बावजूद इसके बात नहीं बन सकी और लोजपा ने एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया.
अब लोजपा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे गये चिराग पासवान के पत्र को साझा किया है. यह पत्र 24 सितंबर को लिखी गयी है. भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिराग पासवान द्वारा लिखे गये इस पत्र में बिहार में एनडीए से अलग होने की वजहों का जिक्र है. इस चिट्ठी में लिखी गयी कुछ मुख्य बातें इस प्रकार है.
जेपी नड्डा को लिखे अपने पत्र में चिराग ने कहा, आपसे मुलाकात में बिहारियों की जनभावनाओं को आपके समक्ष रखा और लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना भी बतायी. जब आज हम लोग चुनाव के इतने करीब है और कभी भी संभवतः चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की घोषणा की जा सकती है. ऐसे में मेरे लिए और गठबंधन के लिए भी ये चिंता का विषय है कि बिहार के भविष्य को लेकर अभी तक कोई भी चर्चा नहीं हुई है और ना ही अभी तक गठबंधन के भीतर सीटों को लेकर कोई बात शुरू हुई है. निःसंदेह समय रहते अगर इन तमाम विषयों पर चर्चा नहीं हो पायी तो यकीनन आने वाले समय में चुनाव में इसका नुकसान एनडीए गठबंधन को हो सकता है.
उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड बहुमत हासिल किया. इसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी. फिर क्या कारण है कि भाजपा वैसा प्रदर्शन बिहार में नहीं दिखा पाती, जैसा देश के बाकी राज्यों में देखने को मिलता है.
प्रधानमंत्री की लोकप्रियता बिहार में हर बीतते दिन के साथ बढ़ती जा रही है, तो वहीं मौजूदा मुख्यमंत्री के प्रति लोगों की नाराजगी प्रत्यक्ष रूप से सामने आ रही है. बिहार भाजपा के भी लगभग अधिकांश नेता एवं सांसदों ने मौजूदा मुख्यमंत्री के प्रति जनता की नाराजगी को आपके समक्ष रखा है.
लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर निरंतर ये भ्रम फैलाया जा रहा है कि पार्टी को मौजूदा मुख्यमंत्री का नेतृत्व स्वीकार नहीं है. पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के नाते, मैं पहले ही इस बात को कह चुका हूं कि भाजपा जो भी निर्णय लेगी, लोजपा उनके निर्णय के साथ मजबूती से रहेगी. परंतु जिस तरीके से आज बिहार की जनता मौजूदा मुख्यमंत्री को लेकर आक्रोशित है, ऐसे में इसकी भी हमें समीक्षा करने की जरूरत है. खुद भाजपा के द्वारा कराये गये सर्वे में सामने आया है कि मौजूदा मुख्यमंत्री की लोकप्रियता घटी है, जिससे एनडीए को नुकसान होगा.
लोक जनशक्ति पार्टी के कई नेता बेहद आहत हैं व आक्रोशित भी हैं, जिस प्रकार मुख्यमंत्री द्वारा राज्यसभा चुनाव के दौरान हमारे संस्थापक और पार्टी के सर्वमान्य नेता राम विलास पासवान का अपमान किया गया था. राम विलास पासवान के कई बार कहने पर भी मुख्यमंत्री नामांकन के लिए उनके साथ विधानसभा नहीं गये और बाद में मुहूर्त का समय निकलने के बाद अपनी गाड़ी से आए. इस वजह से लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यकर्ताओं एवं नेताओं में मुख्यमंत्री के प्रति अत्यंत आक्रोश है.
बिहार में भारतीय जनता पार्टी आज की तारीख में इतनी सक्षम है कि यदि वह अपने मुख्यमंत्री के चेहरे पर चुनाव लड़े तो एनडीए का प्रदर्शन बेहतर रहेगा और हम सब बिहार को विकास के रेस में दौड़ा पायेंगे. मुझे और मेरी पार्टी को कोरोना काल में चुनाव करवाने से भी आपत्ति है क्योंकि मुझे लगता है चुनाव से पहले कोरोना से लड़ना जरूरी है और मात्र चुनाव लिए बिहारियों की जान से नहीं खेला जा सकता.
Upload By Samir Kumar