नयी दिल्ली : भारत के मुख्य आयुक्त सुनील अरोड़ा ने गुरुवार को बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल इलेक्शन विजिटर प्रोग्राम-2020 को संबोधित किया. मालूम हो कि निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के संदर्भ में आज से तीन दिनों का विदेशी चुनाव प्रबंधन निकायों और संगठनों का अंतरराष्ट्रीय वर्चुअल निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रम शुरू हुआ.
We had to reduce voters from 1500 to 1000 per booth in Bihar polls & increase polling booths by 33,000 which meant increasing manpower deployment. But elections in India are virtual festivals of democracy in which people love to take part: Sunil Arora, Chief Election Commissioner pic.twitter.com/2hyFOcwGiv
— ANI (@ANI) November 5, 2020
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि हमें बिहार चुनावों में प्रति बूथ मतदाताओं को कम करके 1000 से 1500 तक लाना था. साथ ही मतदान केंद्रों को 33,000 तक बढ़ाना था. इसका मतलब था कि लोगों की तैनाती बढ़ाना. क्योंकि, भारत में चुनाव लोकतंत्र का त्योहार हैं. इसमें लोग हिस्सा लेना पसंद करते हैं.
चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, जिले के अधिकारियों, वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य लोगों के साथ बैठकें की गयीं. उन्होंने कहा कि अब तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, दूसरे चरण तक बिहार विधानसभा चुनाव में मतदाताओं का प्रतिशत 2015 की तुलना में अधिक है.
मालूम हो कि बिहार में सात करोड़ 20 लाख से अधिक मतदाता हैं. कोविड-19 महामारी के बीच इतनी बड़ी संख्या में दुनिया में बहुत कम जगहों पर मतदान हुआ है. बिहार विधानसभा चुनावों ने महामारी के दौरान चुनाव प्रक्रिया संचालित करने की श्रेष्ठ पद्धतियों और अनुभवों को साझा करने का अवसर दिया है.
अंतरराष्ट्रीय निर्वाचन आगंतुक कार्यक्रम में अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, कंबोडिया, इंडोनेशिया, मलावी, मालदीव, माल्डोवा, मंगोलिया, मॉरीशस, नेपाल, फिलीपींस, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो, यूक्रेन, उज्बेकिस्तान और जांबिया के साथ-साथ तीन अंतरराष्ट्रीय संगठन, इंटरनेशनल एवीए, इंटरनेशनल फाउंडेशन ऑफ इलेक्टोरल सिस्टम्स और विश्व चुनाव निकायों को आमंत्रित किया गया है.
कार्यक्रम में भाग लेनेवालों को भारतीय चुनाव प्रक्रिया की रूपरेखा, मतदाताओं की सुविधा के लिए शुरू किये गये निर्वाचन आयोग के उपायों और पारदर्शिता तथा सुगमता के बारे में जानकारी दी जायेगी. साथ ही प्रशिक्षण की बदली जरूरतों और क्षमता निर्माण के बारे में आयोग की प्रणालियों को भी साझा किया जायेगा.