मुंगेर : बिहार विधान सभा चुनाव के पहले चरण को लेकर 28 अक्तूबर को मतदान होगा. प्रथम चरण में ही नक्सल प्रभावित मुंगेर रेंज के मुंगेर, जमुई एवं लखीसराय जिले में भी मतदान होना है.
पुलिस एवं जिला प्रशासन ने शांतिपूर्ण मतदान संपन्न कराने की पुख्ता तैयारियां कर ली है. बावजूद इसके जिले के नक्सल प्रभावित इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान कराना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी.
हालांकि पुलिस द्वारा लगातार चलाये जा रहे कांबिंग ऑपरेशन के दौरान आधे दर्जन से अधिक हार्डकोर नक्सलियों की गिरफ्तारी होने के बाद नक्सली बैकफुट पर हैं. लेकिन गुरिल्ला युद्ध में माहिर माओवादी कभी भी किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं. क्योंकि पीछे से वार करना इनकी आदतों में शुमार है.
जो चुनाव के दौरान अपनी धमक से चुनाव को प्रभावित कर सकती है. मुंगेर रेंज में शेखपुरा को छोड़ दे तो मुंगेर, जमुई एवं लखीसराय नक्सलियों का गढ़ माना जाता है. मुंगेर जिले में मुंगेर, जमालपुर एवं तारापुर विधानसभा के लिए 1402 मतदान केंद्र बनाये गये है.
जिसमें 766 मतदान केंद्र सामान्य एवं 345 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील है. जबकि 291 मतदान केंद्र नक्सल प्रभावित है. इसके साथ ही जमुई जिले के जमुई, सिकंदरा, झाझा एवं चकाई विधानसभा में 1281 मतदान केंद्र सामान्य एवं 471 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील है. जबकि 586 मतदान केंद्र नक्सलियों की मांद में है.
लखीसराय जिले के लखीसराय एवं सूर्यगढ़ा दो विधानसभा क्षेत्र में 767 मतदान केंद्र सामान्य एवं 235 मतदान केंद्र अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है. जबकि 291 बूथ नक्सल प्रभावित है. जिसमें सर्वाधिक सूर्यगढ़ा विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है. नक्सलियों की मांद में मौजूद मतदान केंद्र पर मतदान करना प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण होगा.
Posted by Ashish Jha