पटना. विशेषकर महाराष्ट्र से लौट रहे बिहारी मजदूरों के लिए राज्य सरकार अब पूरे प्रदेश में चनपटिया मॉडल के जरिये रोजगार सृजन करने का अवसर देने जा रही है़ उद्योग विभाग ने इस दिशा में कार्ययोजना बनायी है.
दरअसल चनपटिया में पिछले साल कोरोना संक्रमण से पीड़ित होकर बिहार लौटे मजदूरों ने लोन के जरिये सफलतापूर्वक अपनी यूनिट लगाकर न केवल खुद को स्वावलंबी बनाया, बल्कि दूसरे सैकड़ों कुशल श्रमिकों को रोजगार भी दिया़
इस संबंध में रविवार को शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने ट्वीट कर कहा है कि कोरोना काल में अन्य राज्यों से लोटकर बिहार पहुंच रहे कामगारों को बिहार सरकार उन्हें स्वयं का काम करने के लिए अवसर प्रदान करेगी़ सक्षम और स्वावलंबी बिहार बनाने के लिए एवं अन्य लोगों को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए पूरा बिहार चनपटिया मॉडल अपनायेगा़
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक चनपटिया मॉडल के तहत प्रदेश के प्रत्येक जिले में विशेष तौर पर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत छोटी-छोटी यूनिट लगाने को प्रोत्साहित किया जायेगा़,ताकि रोजी-रोटी के लिए स्थानीय लोगों को बाहर पलायन न करना पड़े़ चनपटिया मॉडल के तहत अन्य राज्यों के कुशल श्रमिकों को काम दिलाने उद्योग लगाने के लिए जमीन के साथ कर्ज भी दिलवाया जायेगा.
सीएम ने हाल ही में वहां स्टार्ट अप जोन का उद्घाटन किया था़ फिलहाल पश्चिमी चंपारण में चनपटिया का नवप्रवर्तन स्टार्टअप जोन पूरे बिहार में रोजगार सृजन का रोल मॉडल बन गया है. चनपटिया स्टार्टअप जोन के तर्ज पर बिहार के सभी जिलों में रोजगार दिलाने का राज्य सरकार ने रोडमैप तैयार कर लिया है.
उद्योग निदेशालय ने एक आदेश जारी किया है. इसमें सभी प्रमंडल पटना, गया, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सहरसा, मुंगेर, भागलपुर और पूर्णिया आदि के जीएम चनपटिया स्टार्टअप जोन का अनुकरण करके अपने जिले में रोजगार का अवसर सृजन करेंगे.
उल्लेखनीय है कि चनपटिया में महाराष्ट्र एवं गुजरात से लोटे कुशल श्रमिकों ने विशेष रूप से फैब्रिक और रेडीमेड गारमेंट बनाने की यूनिट लगायी हैं. यहां कलस्टर्स बना कर यूनिटें स्थापित की गयी हैं.
Posted by Ashish Jha