मुजफ्फरपुर: केंद्रीय मंत्री, सांसद व विधायक के फर्जी लेटरपैड पर रेलवे का टिकट कंफर्म कराने का मास्टर माइंड सत्यजीत प्रकाश को आरपीएफ ने बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. आरपीएफ पोस्ट के प्रभारी निरीक्षक मनोज कुमार यादव के नेतृत्व में उसे सदर थाना क्षेत्र के श्रमजीवी नगर मोहल्ला से पकड़ा गया. उस पर पूर्व से मुजफ्फरपुर और विशाखापत्तनम में केस दर्ज था. पूछताछ में पता चला कि वह अपने घर से ही टिकट कंफर्म कराता था. वह पिछले कई माह से एक हजार से ज्यादा रेलवे टिकट मंत्रियों और सांसद के फर्जी लेटरहेड पर कंफर्म करा चुका है. इससे उसने काफी संपत्ति भी अर्जित की है. इसके खेल मे इसकी पत्नी की भी संलिप्तता की आरपीएफ जांच कर रही है. छापेमारी के दौरान उसकी पत्नी ने अपना नाम बदल कर आरपीएफ टीम को बताया,ताकि पति की पहचान नहीं हो. लेकिन आरपीएफ उसके झांसा में नहीं आयी और सत्यजीत को गिरफ्तार कर लिया.
प्रारंभिक पूछताछ में सत्यजीत ने आरपीएफ को बताया है कि वह लंबे समय तक दिल्ली में एक चैनल के लिए काम किया था. इस दौरान उसकी कई सांसदों और मंत्रियों से परिचय हो गया था. इसका फायदा उठा कर वह उनके लेटरपैड लेकर टिकट कंफर्म कराने लगा. इससे अच्छी आमदनी होने लगी. इसके बाद वह चैनल की नौकरी को ठुकरा दिया. इसमें उसकी पत्नी भी साथ देने लगी. वह फैक्स से रेलवे जोन और मंडल को लेटरपैड पर पीएनआर भेजने लगा.
Also Read: मुजफ्फरपुर: सूद के पैसे लौटने गई युवती के साथ जबरदस्ती, जानें पूरा मामला…
पूछताछ में उसने आरपीएफ को बताया कि उसने जमुई के सांसद चिराग पासवान के लेटरपैड का सबसे अधिक इस्तेमाल किया था. उनके पैड पर अधिक टिकट कंफर्म होता था. इसके अलावा दक्षिण और उत्तर भारत के दर्जनभर से अधिक केंद्रीय मंत्री और सांसद के लेटरपैड का इस्तेमाल कर चुका है. मुजफ्फरपुर के जनप्रतिनिधियों के लेटरपैड पर रेलवे मुख्यालय विशेष संज्ञान नहीं लेता था. इस कारण उसने स्थानीय जनप्रतिनिधि के लेटरपैड का इस्तेमाल नहीं किया.
सत्यजीत सांसदों से एक ब्लैंक लेटरपैड पर दस्तख्त करा कर रख लेता था. जिसके बाद वह उसे कलर स्कैनर से उसकी कॉपी निकालता था. वह कभी भी रेलवे मुख्यालय में हार्ड कॉपी नहीं भेजता था. वह फैक्स के माध्यम से टिकट कंफर्म कराने को लेकर लेटरपैड भेजा करता था, ताकि स्कैन की कॉपी पकड़ में नहीं आये.
Also Read: मुजफ्फरपुर मौसम: 12 वर्ष बाद सबसे गर्म रहा पांच मई, 41 के पार पहुंचा पारा, जानें आने वाले दिनों के मौसम का हाल
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम आरपीएफ ने सत्यजीत के खेल को उजागर किया था. अप्रैल 2023 में सदर थाना और मुजफ्फरपुर आरपीएफ की टीम ने उसके घर छापेमारी की. यहां सर्च में अनेकों सांसदों के लेटरपैड मिले. इसके बाद मुजफ्फरपुर आरपीएफ ने सत्यजीत प्रकाश और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी.
आरपीएफ सूत्रों की मानें तो सत्यजीत प्रकाश ने कई अचल संपत्ति अर्जित की है. श्रमजीवी नगर के अलावा गोबरसही-डुमरी रोड में भी सत्यजीत प्रकाश एक मकान का निर्माण करा रहा है. आरपीएफ ने अपने मुख्यालय को सत्यजीत की संपत्ति की जांच कराने को पत्र भेजेगी. बताया जाता है कि ईडी जैसी संस्थान से संपत्ति की जांच करायी जा सकती है.