बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब (Motihari Hooch Tragedy) के कारण ही लोगों की मौत हो रही है. तुरकौलिया में शराब पीने वाले युवकों में से एक, लक्ष्मीपुर के अनुसूचित जाति बस्ती के रविन्द्र पासवान का कहना है कि उसने गांव में ही शराब पिया था. शराब पीने के बाद से ही उसकी आंखों की रौशनी कम हो रहा था. उल्टी भी हुआ है. साथ ही चलने फिरने में दिक्कत हो रहा है. वही मृतक छोटू कुमार की बहन व मां का कहना था कि उसके पुत्र को गांव के ही लोगो ने शराब पिलाया था. जिसके बाद उसकी मौत हो गई. उसकी बहन की पांचवे महीने में शादी थी. वह पेंट का काम कर परिजनों का जीविका चलाता था. उसके मौत के बाद रो रही बहन का कहना था कि उसके भाई ने कहा था कि उसकी शादी धूमधाम से करेगा. लेकिन बहन की डोली उठाये बगैर ही वह भगवान का प्यारा हो गया
बैरियाडीह पंचायत के घवही गांव में मौत के बाद मृतक सोनेलाल पटेल की पत्नी उषा देवी ने दहाड़ मारकर रो रही थी. हम जनती की हमर रजऊ शराब पिए ला से मर जईते त हम ना पिए देती. अबे जहर भी बिकता जेकरा से मौत हो गईल. हरसिद्धि में जहरीली शराब से दो मौत के बाद शराब कारोबारियों में हड़कंप है. वहीं पुलिस अधिकारी सकते में आ गये हैं. लगातार पुलिस गाड़ी का सायरन बैरियाडीह पंचायत में बज रहा है और कारोबारियों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जा रहा है. उषा देवी बता रही थी कि ज्यादा दिन से हमर पति शराब नहीं पीते थे. तीन-चार माह पहले से शराब कुसंगत में पड़कर पी रहे थे. हम ना जानत रहने की नीतीश के सुशासन राज में जहर विकाई. मृतक सोनेलाल पटेल के तीन बेटे हैं. एक बेटे की शादी हो चुकी है. उनकी पुत्री नहीं है.
उन्होंने बताया कि हमार रजऊ भरल परिवार के छोड़ के चल गइले. हमार जिंदगी आज नर्क हो गईल. हम अब अपना रजऊ के बिना कैसे जिएब. मृतक सोनेलाल पटेल के बड़े भाई वीरेंद्र पटेल ने बताया कि शराबबंदी के पहले शराब पीने से लोग नहीं मरते थे. लेकिन आज पूर्ण शराबबंदी होने के बावजूद लोग मर रहे हैं. सुशासन की सरकार में अब मौत बिक रही है. उन्होंने बताया कि हर गांव में अब कारोबारी अपना जाल बिछा कर दिन-रात शराब के रोजगार में लगे हैं. मेरे ही गांव के कई ऐसे लोग हैं जो तस्करी करते हैं, जो आज घटना के बाद घर छोड़ फरार हो चुके हैं. मृतक की पत्नी बार-बार वर्तमान सरकार और कारोबारियों को कोस रही थी कि शराब की जगह जहर क्यों बेच रही है.