पटना. बिहार में निकाय चुनाव चुनाव स्थगित कर दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी विधिवत घोषणा कर दी है. पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने यह कदम उठाया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी पत्र में कहा है कि 10 और 20 अक्टूबर को होने वाले नगर निकाय चुनाव को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जाता है. पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद करीब 8 घंटे लंबी बैठक के बाद राज्य निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने यह फैसला लिया है.
इससे पहले आज सुबह हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में अति पिछड़ों के लिए आरक्षित सीटों पर हो रहे मतदान को रोकने को कहा था. कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग से कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछड़ों के आरक्षण के लिए तय ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया पूरी नहीं की है. इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा था कि एससी, एसटी, ओबीसी के लिए आरक्षण की सीमा कुल सीटों का 50% की सीमा से ज्यादा नहीं हो.
आज पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल और एस. कुमार की बेंच ने अपना फैसला दे दिया है. हाईकोर्ट की बेंच ने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही जो आदेश दिया था, उसका बिहार में पालन नहीं किया गया. इस पूरे मामले में पटना हाईकोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग पर नाराजगी जतायी है.
हाईकोर्ट ने कहा है कि नगर निकाय चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है. राज्य निर्वाचन आयोग ने अपने संवैधानिक जिम्मेवारी का पालन नहीं किया है. आयोग इस मामले में पूरी तरह विफल रहा है.
इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने निकाय चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर 29 सितंबर को सुनवाई पूरी कर ली थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इस मामले में जल्द सुनवाई कर फैसला सुनाने को कहा था. इसके बाद से ही यह कयास लगाये जा रहे थे कि आखिर हाईकोर्ट इस मामले में क्या फैसला देगा. पिछले दिनों हाईकोर्ट ने आयोग को इस बात के लिए भी स्वतंत्र कर दिया था कि चल रही चुनाव प्रक्रिया को रोका जाये या नहीं.