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बिहार नगर निकाय चुनावों में अब तक नये आरक्षण का नहीं हुआ प्रावधान, संशय की स्थिति से चिंतित लोग

bihar nagar nikay chunav 2022 date: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी नगर निकायों में पिछड़ा वर्ग के लिए नये सिरे से आरक्षण का प्रावधान किया जाना है. इसके लिए ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया जाना है.

पटना. बिहार में नगर निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों के कार्यकाल समाप्त होने का समय नजदीक आता जा रहा है. इधर अभी तक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नगर निकायों में पिछड़ा वर्ग आरक्षण की स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार सभी नगर निकायों में पिछड़ा वर्ग के लिए नये सिरे से आरक्षण का प्रावधान किया जाना है. यह आरक्षण शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में किये गये पिछड़ा वर्ग आरक्षण के प्रावधान से अलग होगा. इसके लिए ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण का प्रावधान किया जाना है.

आरक्षण देने के लिए स्वतंत्र आयोग का गठन करना होगा

राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए स्वतंत्र आयोग का गठन करना है. स्थानीय नगर निकाय में पिछड़ा वर्ग की जातियों को चिह्नित करना होगा और आरक्षण का प्रावधान 50 प्रतिशत से अधिक नहीं करना होगा. बिहार में तीसरा प्रावधान पहले से ही जारी है. महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट के पिछड़े वर्ग के लोगों को दिये जानेवाले आरक्षण के फैसले को सभी राज्यों को पालन करना है.

जानकारों का कहना है कि ट्रिपल टेस्ट को विचाराधीन मानते हुए उड़ीसा सरकार ने अपना ग्राम पंचायत का चुनाव संपन्न करा लिया है. इसी प्रकार से मध्य प्रदेश ने भी अपने स्थानीय निकाय चुनाव को बिना आरक्षण के प्रावधान के चुनाव संपन्न करा लिया है. महाराष्ट्र सरकार ने पिछड़ा वर्गों को आरक्षण देने के लिए एक स्वतंत्र आयोग का गठन किया है. अभी हाल में बिहार का पड़ोसी राज्य झारखंड ने पिछड़े वर्गों के आरक्षण के मामले को विचाराधीन मानते हुए राज्य में ग्राम पंचायत चुनाव कराने जा रही है.

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आरक्षण को लेकर अभी मामला विचाराधीन है : ललित

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्गों के आरक्षण को लेकर महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि अभी इस दिशा में कुछ भी नहीं हुआ है. अभी आयोग भी गठित नहीं किया गया है. अभी ये सभी मामले विचाराधीन हैं.

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